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________________ Voodo/PDOOD/ DATDADAIDSDAD दीपिका /BODOAGDADAPATRAMUDRETRIEDODA | खरे नहु कोश६॥ ॥ढाल अढीयानी॥सविसुख तणा उपाय, प्रणमुं तेहना पाय, हरख हीये धरी ए, |81 दी. मंदमति परिहरी ए॥७॥ पामी सुगुरु पसाय, आण वहु जिनराय। पुलह ए कही ए, तेहज में लहीए ॥॥ ते श्रुत आधार, ए वचन मन धार॥ श्रुत आराधिये ए, शीवसुख साधी ए ए॥हा॥ गुरुपय | पणमी जिनतणी, उवह पामी आण ॥ श्री पार्श्वचंड सूरि विनवे, आगम मुज प्रमाण ॥१०॥ ॥ ढाल ॥ हवे कहीये आगम नणिय सीख, म विराधो दुल्लह लहिय दीख ॥ जन अश्य काले | आगम विराधि, पमिया अनंत नवजल अगाधि ॥१९॥ पमशे अनंत आगामि काल, बहु पमता संपर मन संन्नाल ॥ आराधि सूत्र सीधा अनंत, सीकस्ये तासु न लहिये अंत ॥१२॥ बहु सीके हमणां एम जाणि, समवायंगे चोथे वखाणि ॥ तेह काल संख ग्यार अंगे, बोली डे जाणुं मन रंगे ॥१३॥ उद्देश पमुह किरिया विशेष, अणुयोगबारे बोल्या अशेष ॥ विणुकालग्रहण सकाय शुद्ध, नहु बोली उत्तर जायण मज्ज ॥१॥ आसायण श्रागमतणीय टाल, मन वयण काय जिन | आण पाल ॥ आवरण नाण देसणह बंध, पंचमे अंगे नाप्यो प्रसिद्ध ॥१५॥ जे एम तो मुणिवर DADAPDAUDIO/amousawaamama १५॥
SR No.600329
Book TitleSurdipikadi Prakaran Sangraha
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPurvacharyadi, Mangaldas Lalubhai
PublisherMangaldas Lalubhai
Publication Year1913
Total Pages412
LanguageSanskrit
ClassificationManuscript
File Size29 MB
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