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आवश्यकीय सूचना
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BE शास्त्र-प्रकाशक
दक्षिण हैद्राबाद निवासी जौहरी वर्ग में श्रेष्ठ दृधः दानवीर राजा वहादुर लालाजी मात्र श्रो सुखदेव सहायजीपालापमादजी.
आपनेसाघुसेवा कार ज्ञानदान जनमहालाभके लोभी बन जैन साधयागीय धर्म के परम माननीय व परम आदरणीय बत्तीम शाहों को हिन्दी भाषानुवाद सहित छपाने को रु.२००००, का खर्च कर अघल्य देना स्वीकार किया और युरोप युद्धारंभ से मन वस्तु के भाव में वृद्धि होने से रु. ४०००० के खर्च में भी काम पूरा होनेका संभव नहीं होते भी आपने उसही उत्साह से कार्य को समाप्त कर सबको अमूल्य महालाम दिया, यह आप की उदास्ता सामागीयों की गौरख दर्शक व परमादरणीय है !
झोवाला (काठियावाड) निवासी मणीलाल शीवलाल जो शास्त्रोद्धार कार्यालय का मेनेजर था और जो शास्त्रोद्धार जैसे महा उपकारी और धामीक कार्य के हिसाब को संतोष जनक और विश्वाशनीय ढंग से नहीं समझा सकुने के सबब से हमको पूर्णा अविश्वाश हो गया और आपखुद घबरा कर बिना इजाजत एक दम चलागया इस लिये मो प्रेश अखबार और धार्मीक कार्य के लिये मणीलाल को देना चाहाथा को उसकी अप्रमाणिकता और घोठाला देखकर उस को मही देते हुवे आग्रा निवासी जैन पथप्रदर्शक मासिक के प्रसिद्ध कर्ता बबू पदम सिंघ जैनको धार्मिक कार्य निमित्त दिया गया है सर्व सज्जन उस अखबार से फायदा उठायें।
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ज्याला प्रशाद
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हैद्राबाद सिकन्द्राबाद जैन मंघRIES