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________________ 28.2 आभारी-महात्मा ARRER RRB-हिन्दी भाषानुवादक 6031311935 कच्छ देश पावन कर्ता मोटी पक्ष के परप पूज्य श्री कर्मसिंहजी महाराज के शिष्यवर्य महात्मा कविवर्य श्री नागचन्द्रजी महाराज! इल शास्त्रोद्धार कार्य में आयोपान्त आप श्री प्राधिन शुद्ध शास्त्र, हुंडी,गुटका और समय २पर आवश्यकीय शुभ सम्मति द्वारा मदत देते रहनेसेही मैं इस कार्य को पूर्ण कर सका. इस लिये केवल मैं ही नहीं परन्तु जो जो भव्य इन शास्त्रोद्वारा लाभ प्राप्त करेंगे वे सब ही आप के अभारी शुद्धाचारी पूज्य श्री खूबा ऋषिजी महाराज के शिष्यवर्य,आर्य मुनि श्री चेना ऋषिजी महाराज के शिष्यवर्य बालब्रह्मचारी पण्डित मुनि श्रीअमोलक पिजी महाराज आपने बडे साहस से शास्त्रोद्धार जैसे महा परिश्रम बाले कार्य का जिस उत्साहसे स्वीकार किया था उस ही उत्साह से तीन वर्ष जितने स्थप समय में अहर्निश कार्य को अच्छा बनाने के शुभाशय से सदैव एक भक्त भोजन और दिन के सात घंटे लेखन में व्यतीत कर पूर्ण किया. और ऐसा सरल बनादिया कि कोई भी हिन्दी भाषज्ञ सहज में समज सके, ऐसे ज्ञानदान के महा उपकार तल दवे हुआ हम आप के बड़े अभारी हैं. संघकी तर्फ से. मुखदेव महाय ज्याला प्रसाद Rel 1222 आपका अमाल ऋ 82
SR No.600304
Book TitlePrashna Vyakaran Sutra
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAmolakrushi Maharaj
PublisherRaja Bahadur Lala Sukhdevsahayji Jwalaprasadji Jouhari
Publication Year
Total Pages240
LanguageSanskrit
ClassificationManuscript & agam_prashnavyakaran
File Size25 MB
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