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________________ Rasasaseshमुख्याधिकारीANASRANAHARAM उपकारी-महारसSANTakase PIRREFE परम पूज्य श्री कहानजी ऋषिजी महाराज की सम्प्रदाय के शुध्याचारी पूज्य श्री खुवा पिजी महाराज के शिष्यवर्य स्व. तपस्त्रीजी श्री केवल प्रपिजी महाराज आप श्रीने मुझसाथ ले महापरिश्रम से हैद्राबाद जैसा बडा क्षेत्र माध्यागिय धर्म में मसिद्ध किया च परमोपदेश मे राजावहादुर दानवीरलालामुखदेव महायजीयाला प्रसादजी को धर्मप्रेमी बनाये. उनके प्रतापसेटी शास्त्राद्धारादि महा कार्य हैद्राबाद में हुए. इस लिये इम कार्य के मुख्याधिकारी आपही हुए. जो जो भव्य जीवों इन शान्त्र द्वारा महालाभ प्राप्त करेंगे. वे आपही के कृतज्ञ होंगे. परम पुज्य श्री कहानजी ऋषिजी महाराज की सम्प्रदाय के कविवरेन्द्र महा पुरुष श्री तिलोक ऋषिजी महाराज के पाटवीय शिष्य वर्य, पूज्यपाद गुरुवर्य श्री रत्नऋषिजी महाराज! आपश्री की आज्ञानेही शास्त्रोद्धार का कार्य सी. कार किया और आप के परमाशिर्वाद से पूर्ण करसका इम लिये इस कार्य के परमोपकारी महात्या आप ही आप का उपकार केवल मेरे पर ही नहीं परन्तु जो जो भव्यों इन शानदार लाभ प्राप्त करेंगे उन मनपर ही होगा. : PRIEST शिशु-अमोल अपि AIR
SR No.600304
Book TitlePrashna Vyakaran Sutra
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAmolakrushi Maharaj
PublisherRaja Bahadur Lala Sukhdevsahayji Jwalaprasadji Jouhari
Publication Year
Total Pages240
LanguageSanskrit
ClassificationManuscript & agam_prashnavyakaran
File Size25 MB
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