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________________ 84 दशमङ्ग प्रश्नव्याकरण मूत्र-प्रथम-आश्रद्वार 428 कामाणं // 4 // भुजो बलदेवा वासुदेवाय पवरपुरिसा मह बल परक्कमा, महाधणु वियटका, महासत्तसागरा दुद्धराधणुधारी, नरवसभा, रामकेमवाभायरो, सपरिसा व सु देव समुद्दविजयमादिदसद राणं, पज्जण्ण पयिवसंब अनिरुद्ध निसढ उमुयसारण गयसमुह दुमुहादाण जायवाणं अडुट्ठाणवि कुमारकोडीणं, हिययदइया, देवीए रोहिणीएदेवकीण आणंदहियय, भाव नंदणकग, सोलस रायवर सहस्साणुजायमग्गा, सेालस देवीसहस्सा वरवयण हिययदईया, णाणामाणे कणगरयण मोत्तिय पवालधण्णधण संचयारिद्धि समिद्धि कोसा,हयगयरहसहस्ससामी,गामागर नगर खेडकबड हैं. वे भी कामभोगो में अतृप्त अकस्मात मृत्यु को प्राप्त हुए. // 4 // अब बलदेव व सुदेव का कथन करते हैं-बेलदेव वासुदेव भी उत्तम पुरुष होते हैं. वे महापरक्रम वाले x साह्न धनुष्य का टंकार करने व ले, महासत्ववंत, साहसिक, समुद्र जैसे गंभीर, सब धर्नुधर में प्रधान, मनुष्य में वृषभ समान हते हैं ? राम (बलदेव ) केशव (वासुदव ) दोनों के पिता एक मला अलग 2 होती हैं. x उन के परिवार में x बलदेव में दश लाख अष्टापद जितना बल और वासुदेव में बीसलाख अष्टापद जितना बल. ____x अनंत अवसर्पिणी उत्सर्पिणी में अनंत बलदेव वासुदेव होगये हैं; परंतु यहां वर्तमान काल के यादव कुलपति बलभद्र और कृष्ण वासुदेव का कथन करते हैं.. + अब्रह्मक्य नायक चतुर्थ अध्ययन Hit - .
SR No.600304
Book TitlePrashna Vyakaran Sutra
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAmolakrushi Maharaj
PublisherRaja Bahadur Lala Sukhdevsahayji Jwalaprasadji Jouhari
Publication Year
Total Pages240
LanguageSanskrit
ClassificationManuscript & agam_prashnavyakaran
File Size25 MB
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