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________________ H॥ देखो ॥ ६ ॥ दूती सारथी पाछा पठायारे । रथ उभो कर्यो झाडी मायारे । सती १ रना भूपेत जोइ धस्काया ॥ देखो ॥ ७ ॥ राज खड्ग हाथ मांही लीधोरे । चेरो रोस भगा। कीधोरे | सती से बोले कूवीधा ॥ देखो ॥ ८॥ हिवे वांछा कर तूं महारीरे । नही तो इज्जत लेस्ट्रं हं थारीरे । सती नीचे उतरी तिण वारी । देखो ॥ ९ ॥ दोडी इत उत्तम अंग छीपावरे । राज तिण पाछे धावरे । तस्कर मध्ध भंग पडावे ॥ देखो ॥ १० ॥ चोर । २ चोर INपल्ली को भील राजारे । आयो सीकार खेलण काजारे । सती राजा देखी अति ला-- जा ॥ देखो ॥ ११॥ तस्कर पत तिण कने आयारे । पूछे यह क्या झगडा मचायारे । सती देखीने तेहवी मोहवाया ।। देखो ॥ १२ ॥ राजा कहे यह महारी नारीरे। मुज छोड। करे व्यभचार ॥ यहां लाया हूं न्हाखुगा मारी ॥ देखो ॥ १३ ॥ भुवन सुन्दरी कहे सुणो। भाइ जी । यारा भाइरी हूंछ लुगाइ जी । इजत लेवे छे कर जबराइ ॥ देखो ॥ १४ ॥ राजा क्रोध में रातो हावरे । आँख्या फाडी ने सामें जोवरे । सती कहे इम कर्या काइ होवे ॥ देखो ॥ १५ ॥ जो खोटी निजरे जोसोरे । तो निश्चय आँख्या खोसोरे । भव २ IN INमांहे घणां रोसो ॥ देखो ॥ १६ ॥ पल्ली पत तव रीसायोरे । राजाने मार भगायोरे ।। सती वश आइ जाणी हर्षायो । देखो ॥ १७ ॥ सती लार लेइ घर आयोरे । कू भवा REAT
SR No.600303
Book TitleBhuvansundari Sati Charitra
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAmolakrushi Maharaj
PublisherEk Shravika
Publication Year1912
Total Pages34
LanguageSanskrit
ClassificationManuscript
File Size5 MB
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