SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 208
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ ६॥ महा संकट सेहन किया । सुख पाइ न लोभाय ॥ रूपवती लाइ दीवी । उपकार किम पुराय ॥७॥ अधोदृष्टी कुँवरी भणे | सत्य आप फरमान ॥ अन्य नर वरवाताण । म्हारे छे पच्चखाण ॥८॥सणीने हा राजवी। पूरो करूं बचन ॥ अर्ध राजकन्या छ । प्रीती पूरं मदन ॥ ९॥ ॥ ढाल १ ली । अलबेलीरे अम्बा मात ॥ यह ॥ पुण्यवंत | मदनकुँवार । पग २ सुख लहे ॥ जे लाया पुण्य धन संच । तेहने सह चहे | ॥ ७ ॥ सचिव बोलावण भणी भेज्या । लावो जवैरी बुलायरे ॥ लेइ आडंबर मंत्री चाल्या । मदनकी पैढी आय ॥ पग ॥ १॥ नरमी कहे राजा जी बुलावे । मदन सुणी हर्षायरे ॥ सज्ज हो आया राजिंद पासे । लुली २ नमन कराय ॥ पग ॥२॥ भ नृप आदर दे पास बैठाइ । प्रेमे बात जणायरे ॥ करो तैयारी ब्याव तणी । हूं पार | पाडू मुज वाय ॥ पग ॥३॥ मदन कहे केहने परणावो । कहो जोडाको नामरे ॥ राय हँसी कहे इम किम बोलो । तुम दुल्लहा वणो काम ॥ पग ॥४॥ दुःख थी उवारी तनुजा, RI मिलाइ । कियो मोटो उपकाररे । वा तन मन थी तुमने चावे । जन्म का साथीदार | ॥ पग ॥ ५ ॥ मदन कहे तेतो बालक छे । आप अछो बुद्धवंत जी । जोगाजोग | | विचारी कीजे । जेहथी कुल सोहंता ॥ पग ॥ ६ ॥ हूं तो छु वाणिक की जाती । में वली वस्यूं प्रदेशजी । रायकन्या हम घर किम सोहे । मुख किम पावे नरेश ॥ पग ॥
SR No.600299
Book TitleMadan Shreshthi Charitra
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAmolakrushi Maharaj
PublisherSukhlal Dagduram Vakhari
Publication Year1942
Total Pages304
LanguageSanskrit
ClassificationManuscript
File Size22 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy