________________
. - अनुक्रमणिका -
XXXX
सम्यक्त्वकौमुदी
॥२॥
६१
क्रमः प्रस्तावः पृष्ठ १. प्रथमः प्रस्तावः १ २. द्वितीयः प्रस्ताव: ३. तृतीयः प्रस्तावः
चतुर्थः प्रस्ताव: ५. पञ्चमः प्रस्तावा १४८ ६. षष्ठः प्रस्ताव: १८१
सप्तमःप्रस्ताव: २००
४.
चन
आभार अने अनुमोदना जणावतां आनन्द थाय छे के श्री हर्षपुष्पामृत जैन ग्रन्थमाला तरफथी प्राचीन साहित्य प्रकाशन योजनामां आ श्रीमज्जिनहर्षगणि संकलित श्री सम्यक्त्व. कौमुदी प्रगट थाय छे. आ ग्रंथ श्री जैन आत्मानन्द सभा भावनगर तरफथी वि. सं. १९७०मां प्रगट थयो हतो, सम्यक्त्व स्वरूप, सम्यक्त्व प्राप्तिनां निमित्त अने कथाओथी सभर आ श्री सम्यक्त्वकौमुदी ग्रन्थ हालारदेशोद्धारक पूज्याचार्यदेवश्री विजय अमृतसूरीश्वरजी महाराजना पट्टधर पू. आचार्यश्री विजय जिनेन्द्रसूरीश्वरजी महाराजना सदुपदेशथी श्री हालारी वोशा ओसवाल तपगच्छ जैन उपाश्रय अने धर्मस्थानक ट्रस्ट (४५, दिग्विजय प्लोट जामनगर) तरफथी मलेल सहकारथी तेमना तरफथी प्रगट थाय छे. गइ साल पण तेमना तरफथी श्री स्वप्नप्रदीप अने शाकुनसारोद्धार प्रगट थयेल छे आ साल श्री अध्यात्मोपनिषद् भाषांतर साथे तथा आ श्री सम्यक्त्व कौमुदी तेमना तरफ थी प्रगट थाय छे.
आ रीते प्राचीन साहित्यना प्रकाशनमा आ श्रीसंघनी उदारता मारे आभार मानवा साथे तेमनी भावनानी खूब-खूब अनुमोदना करीए छोए अने आ रीते भविष्य मां पण श्रुतसाहित्यना उद्धारमा सहायक बने एज शुभ अभिलाषा राखीए छीए. शाक मारकेट सामे
लि०जामनगर (सौराष्ट्र)
महेता मगनलाल चत्रभुज ता०१-१०-८४
व्यव. श्री हर्षपुष्पामृत जैन ग्रन्थमाला
मुद्रक :गौतम आर्ट प्रिन्टर्स
नेहरू गेट बाहर ब्यावर (राज.)
XXXXXXXXXX