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* प्रकाशकीय ★
अमारी ग्रन्थमाला तरफथी गइ साल श्री आचारांग सूत्र सटीक भाग प्रथम प्रगट थयेल अने आ साल आ बीजो भाग प्रगट थाय छे ।
आ ग्रन्थनुौं संशोधन संपादन, हालार देशोद्धारक पू० आचार्यदेवश्री विजयअमृतसूरीश्वरजी महाराजाना शिष्यरत्न पू० पं० श्री जिनेन्द्रविजयजी गणिवर श्रीए घणी खंतथी क छे ।
प्राचीन श्री आगम आदि साहित्यना उद्धारमां प्रेरणा आपवा माटे पू० पाद तीर्थप्रभावक आचार्यदेव श्रीविजयविक्रमसूरीश्वरजी महाराजना शिष्यरत्नो विद्वान पू० पन्न्यास श्री स्थूलभद्रविजयजी महाराज तथा पू० मुनिराज श्री कमलयशविजयजी महाराजनो खूब आभार मानीए छीए अने सहकार आपनारा भाग्यशालीओनी शुभ भावनानी अनुमोदना करी धन्यवाद आपीए बीए ।
कालजीथी मुद्रण काम, करवा माटे गौतम आर्ट प्रिन्टर्स ब्यावरना व्यवस्थापकोनी खंत माटे आभार मानीए छी ।
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महेता मगनलाल चत्रभुज
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