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________________ प्रकाशिका-श्री हर्षपुष्पामृत जैन ग्रन्थमाला, खालापावल शांतिपुरी (सौराष्ट्र) - आभार दर्शन प्राचीन साहित्य प्रकाशन योजनामां आ 'श्री चन्द्रप्रभस्वामिचरित' प्रगट करतां अमे आनंद अनुभवीए छीए. प्राचीन साहित्य प्रकाशन योजनामा सुन्दर सहकार प्राप्त थइ रहयो छे तेथी अमारो उत्साह वृद्धिने पामतो जाय छे. ____ आ 'श्री चन्द्रप्रभस्वामिचरितम्' माटे तपागच्छनायक व्या० वा. परमशासन प्रभावक परम पूज्य आचार्यदेव श्रीमद्विजय रामचन्द्रसूरीश्वरजी महाराजाना शिष्यरत्न तपस्वीरत्न प्रवचन प्रभावक पूज्य मुनिराजश्री भद्रशीलविजयजी महाराज तथा तेओश्रीजी ना शिष्यप्रशिष्यरत्नो विद्वद्वर्य पूज्य मुनिराजश्री गुणशीलविजयजी महाराज पूज्य मुनिराजश्री कुलशीलविजयजी महाराज तथा पूज्य मुनिराजश्री हर्षशीलविजयजी महाराजना कलकत्ता श्री भवानीपुर मध्ये विक्रम संवत् २०४१ ना चातुर्मास दरम्यान तेओश्रीना सदुपदेशथी श्री भवानीपुर मूर्तिपूजक जैन श्वेताम्बर संघ-भवानीपुर कलकत्ता-२० ना ज्ञानद्रव्यमांथी सहकार मल्यो छे. अने तेमना तरफथी आ ग्रन्थ प्रकट थाय छे. वली 'श्री उपदेशतरंगिणी' महा ग्रन्थ माटे पण पूज्यपादश्रीजीना सदुपदेशथी श्री भवानीपुर मू०-श्वे. जैन संघ, कलकत्ता तरफथी सहकार मल्यो छे अने ते ग्रन्थनु काम पण चालु छे. आम प्राचीन साहित्य उद्धारना कार्यमा प्रेरणा माटे पू० मुनिश्री भद्रशीलविजयजी महाराज आदिनो तथा सहकार माटे श्री भवानीपुर श्री मू० श्वे. जैन संघनों खूब खूब आभार मानीए छीए. ता०१-१-८६ लि.- . शाक मार्केट सामे 'महेता मगनलाल चत्रभुज जामनगर (सौराष्ट्र) व्यव. श्री हर्षपुष्पामृत जैन ग्रंथमाला ॥२॥
SR No.600270
Book TitleChandraprabhswamicharitam
Original Sutra AuthorJinendrasuri
Author
PublisherHarshpushpamrut Jain Granthmala
Publication Year1986
Total Pages404
LanguageSanskrit
ClassificationManuscript
File Size7 MB
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