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________________ २९२६/ बाल ब्रह्मचारी मुनि श्री अमोलक पिाजी g+ ७१२ पांचवा उद्देशा कालप्रमाण निगोद दो प्रकार २७८७ १३ छठा उद्देशा-प्रकारनिग्नन्तक ३६द्वार २७९७ ७१४ सातवा उद्देशा ५समतिके ३६द्वार २८४६ १७१५ आटवा उद्देशा-नकोत्पत्ति गति गमण आदि २८९७ ७१६ नवसे बार उद्देशतक नरकेप्रयत्तीपाद २९०० छव्वीसवा शतक ७१७ प्रथमोद्देशा-पापकर्मबन्ध के १०द्वार २९०३ ७१.८ दूसराउद्देशा-अन्तरोत्तपनके ११द्वार२९०४ ७१९ तीसरा उद्देशा-अन्तरायगाढनर्कका २९१८ १७२० पांचवा उद्देशा परम्परावगाढ का २९१९ १७२१. छठा उद्देशा-अनन्तर आहार का २९१९ १७२२ सातवा उद्देशा-परम्पर आहार का २९२० १७२३ आठवा उद्देशा-अनन्तर पर्याप्त का २९२० ७२४ नववा उद्देशा-परम्पर पर्याप्त का २९२१ ७२५ दशवा उद्देशा-चरम नर्क का २९२१ । ७२६ इग्वारवा उद्देशा-अचरम नरक का २९२१ से २७ सत्तावीसवा शतक का इग्यारहवा उद्देशा पाषकरने के छब्धीसवे शतक जैसा कहना २८ अट्ठावीसवा इतक के ११ उद्देशा पाप कर्म । • समार्जन अगश्रय उक्तप्रकार .. २९२७ २९ गुनतीसवा शतक का ११ उद्देशा पाप कर्म से समकाल में बेदने के उक्तप्रकार २९६१ ३० तीसवा शतक का ११ उद्देशा क्रियावादी आदि चारों के समवसरणका २९३६१ ३१ एकतीसवा शतक के २८ उद्देशे में कुडाग , खडातक का विविध प्रकास्का कथन२९५५ ३२ बत्तीसवा शतक का २८ उद्देश में कुठाग कृतयुग्म नेरिय की उत्पत्ति २९७१ ३३ तेतीसबा शतक का प्रतिशतक १२ एकेक , शतकके इग्यार उद्देशे में एकेन्द्रियका २९७३ । प्रकाशक-राजाबाहादुर लाला सुखदेवसहायजी ज्वालाप्रसादजी
SR No.600259
Book TitleAgam 05 Ang 05 Bhagvati Vyakhya Prajnapti Sutra Sthanakvasi
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAmolakrushi Maharaj
PublisherRaja Bahaddurlal Sukhdevsahayji Jwalaprasadji Johari
Publication Year
Total Pages3132
LanguageSanskrit
ClassificationManuscript & agam_bhagwati
File Size50 MB
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