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पंचमांग विवाह पण्णाति (भगवती) मूत्र 4882
भावार्थ
पण्णते, संजहा चउत्थे भत्ते, छटे भत्ते, अटुमे भत्ते, दसमे भत्ते, दुवालसमे भत्ते, चउ. इसमे भत्ते, अद्धमासिए भत्ते, मासिए भत्ते, वोमासिए भत्ते, तिमासिए भत्ते जाव छमासिए भत्ते, सेतं इत्तरिए । सेकितं आवकहिए ? आवकहिए दविह पण्णत्ते तंजहा-पाओ- ૨૮૮૧ बगमणेय, भत्तपञ्चक्खाणेय । सेकिंतं पाओवगमणे? पाओवगमणे विहे पण्णते तंजहा णीहारिभेय, अणीहारिमेय, णियमा अपडिकामे, सेतं पाओवगमणे ॥ सैकिंतं भत्तपधक्खाणे ? भत्तपञ्चक्खाणे दुविहे पण्णत्ते तंजहा णीहारिमेय, अणीहारिमेय; णियमा याषकथित. इत्वरिक किसे कहते हैं ? इवारिक के अनेक भेद कहे हैं जैसे चाथभक्त एक उपवास, छठ भक्त भेला, अष्टमभक्त तेला, देशमभक्त चौला, द्वादशभक्त पचौला, दशभक्त छ उपवास, अर्धमासिक पन्चरह उपवास, मासिक सप, दो मासिक. सीन मासिक, चार मासिक, पांच मासिक, और छ मासिक तप. इस उपरांत तप नहीं होता है. यह इस्सर तप के भेद हुवे. पावरकथित तप के कितने भेद कहे हैं ? याकथित के दो भेद कहे हैं. १ पादोषगमन व २ भक्त मस्याख्यान. पादोपगमन किसे कहते हैं ? पायोपगमन के दो भेद १ नीहारिम गांव में संथारा करने से उस के शरीर का नीहारन हो ।
और अणीहारिम-गांव वाहिर अमल में करे उस के शरीरका निहारन वहीं होवे. इनदोनों को प्रतिक्रमण मही करना पड़ता हैं. अहो भगवन् ! भक्त प्रत्याख्यान के कितने भेद कहे हैं ? भक्त प्रत्याख्यान के दो भेद ? '
48. पच्चीसवा शक का सातवा उद्देशा 18
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