SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 2753
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ 1 २७२३ पंचमांग विवाह पण्णत्ति (भगवती) सत्र 2018 पएसोगाढावि, विहाणादेसेणं कडजुम्मपएसोगाढावि, तेओगपएसोगाढावि, . दावर जुम्म पएसोगाढावि, जो कलिओग पएसोगाढा, चउरंसा जहा वहा ॥ २२ ॥ आययाणं भंते ! सट्टाणा पुच्छा ? गोयमा ! ओघादेसेणं कडजुम्म पएसोगाढा णो तेओग पएसोगाढा, णो दावर जम्म पएसोगाढा. णो कलिओग पएसोगाढा ॥ विहाणादेसेणं कडजुम्म पएसोगाढावि जाव कलिओगपएसोगाढावि ॥ २२ ॥ परिमंडलाणं भंते ! संट्ठाणे किं कडजुम्म समय ठिईए, तेओग समयठिईए, दावरजुम्म समयठिईए, कलिओग समयठिईए ? गोयमा ! सिय कड. प्रदेशावगाही, त्रेता प्रदेशावगाही व द्वापर प्रदेशावमाही हैं. परंतु कलि युग्म प्रदेशावगाही नहीं है. चउरंस E का वृत्त जैसे कहना ॥ २२ ॥ अहो भगवन ! आयतन संस्थान की पृच्छा ? अहो गौतम ! औधिक से कृतयुग्म प्रदेशावगाहा है. परंतु त्रेता, द्वापर व कलियुग्म प्रदेशावगाही नहीं है. विधानादेश से कृतयुग्म प्रदेशावगाही यावत् कलियुग्म प्रदेशागाही है ॥ २२ ॥ अहो भगवन् ! परिमंडल संस्थान क्या कृतयुग्म ममयकी स्थितिवाले हैं त्रेता समयकी स्थितिवाले, द्वापरयुग्मके समयकी स्थितिवाले या कलि युग्मसमयकी स्थिति वाले हैं? अहो गौतम ! स्यात् कृतयुग्म समय की स्थितिवाले यावत् स्यात् कलि खुम समयकी समय की। 802 पच्चीसवा सतंकका तीसरा उद्देशा भावार्थ |
SR No.600259
Book TitleAgam 05 Ang 05 Bhagvati Vyakhya Prajnapti Sutra Sthanakvasi
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAmolakrushi Maharaj
PublisherRaja Bahaddurlal Sukhdevsahayji Jwalaprasadji Johari
Publication Year
Total Pages3132
LanguageSanskrit
ClassificationManuscript & agam_bhagwati
File Size50 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy