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________________ पिडा देसा लुक्खा ॥ एए चउसट्टि भंगा ॥ सवे गुरुए सव्वे गिद्धे देसे कक्खडे देसे मउए देसेसीए देसे उसिणे जाव सव्वे लहुए सव्वे लुक्खे देसा कक्खडा देसा मउया देसा सीया देसा उसिणा ॥ एए चउसटूि भंगा॥ सब्वे सीए सव्वणिद्धे देसे कक्खडे देसे मउए देसे गुरुए देसे लहुए जाव सव्वे उसिणे सव्वे लुक्खे देसा कक्खडा देसा मउया देसागरुया देसा लहुया एवमेते चउसट्ठि भंगा॥सव्वे ते छप्फासे तिणि चउरासिया भंगसया भवंति ३८४ ॥ जइ सत्तफासे सव्वे कक्खडे देसे गुरुए देसे लहुए देसे सीए देसे उसिणे देसे गिद्धे देसे लुक्खे , सव्वे कक्खडे देसे गुरुए ऊष्ण यों चौसठ भांगे कहना. स. शीत सब स्निग्ध देश कर्कश देश मुदु देश गुरु देश लघु यावत् सब ष्ण सब लक्ष देश कर्कश देश मद देश गम व देश लघ के चौसठ भांगे कहना. छ स्पर्श के सब मीलकर E तीन सो चौरासी भांगे होते हैं. यदि सात स्पर्श होवे तो ? सब कर्कश, देश गुरु देश लघु देश शीत देश उष्ण, देश स्निग्ध देश रूक्ष २ सब कर्कश देश गुरु देश लघु देश शीत देश ऊष्ण एक वचन देश स्निग्ध 13 देशरूक्ष अनेकवचनांत यों चार भांगे कहना. ४ सब कर्कश देशगुरु देश लघु देश शीत एक वचन देश ऊष्ण 15 अनेक वचन देश स्निग्ध व देश रूक्ष एक ४सब कर्कशदेश गुरु देश लघु देश शीत अनेक वचन देश ऊष्म 488 पंचमांग विवाहपण्णत्ति ( भगवती ) मत्र 88 488 वीसवा शतक का पांचवा उद्देशा -23 भावार्थ
SR No.600259
Book TitleAgam 05 Ang 05 Bhagvati Vyakhya Prajnapti Sutra Sthanakvasi
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAmolakrushi Maharaj
PublisherRaja Bahaddurlal Sukhdevsahayji Jwalaprasadji Johari
Publication Year
Total Pages3132
LanguageSanskrit
ClassificationManuscript & agam_bhagwati
File Size50 MB
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