SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 2478
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ २४४८ MAM अनवादक-बालब्रह्मचारी मुनि श्री अमोलक ऋषिजी + हालिद्दएय ८, सिय कालगाय णीलएय लोहियएय हालियाय ९, सिय कालगाय णीलएय लोहियगाय हालिबएय १०, सिय कालगाय णीलगाय, लोहियएय हालिद्दएय ११, एएकारस भंगा ॥ एक्मेर पंच चउक्क संजोगा कायव्वा । एकेक संजोए एक्कारस भंगा । सव्वते चउक्कसंजोगेण पणपण्णभंगा ॥ जइ पंचवण्णे-सिय कालएय णीलएय, लोहियएय, हाम्हिएय, सुक्किल्लएय १, सिय कालएय लिएय लोहियएय, हालिहण्य, सुकिल्लगाय २, सिय कालएय, णीलएय लोहियगेय,हालिहगाय,सुकिल्लगेय३, सिय कालएय, णीलएय, लोहितगाय, हालिद्दगेय, सुकिल्लएय. ४, सिय. कालएय अनेक हस, लाल व पीला एक ९ स्यात् काला अनेक हरा, लाल एक व पीला अनेक १० स्यात् काला E अनेक हरा एक लाल अनेक व पीला एक ११ स्यात् काला, हरा अनेक लाल पीला एक में आयारह भांगे हुवे एसे ही चार संयोगी पांच कहना. एक २ चतुष्क संयोगी के अग्यारह २ भांगे कहना सब. मिलकर ५५ मांगे चार संयोगी के जानना. यदि पांव वर्ण होवे तो १ स्यात् काला, हरा, लाल, पीला व शुक्ल २ स्यात् काला हरा, लाल व पीला एक और शुक्ल अनक ३ स्यात् काला हेग लाल एक पीला अनेक व शुक्ल एक ४ स्याल काला हरा एक लाल अनेक व पीला शुक्ल एक ५ स्यात् काला एक मा अनेक व. लाल पीला शुक्ल. एक ६ स्यात् काला अनेक हरा, लाल, पीला व भुक्ल एक ऐसे छ, भांगे. • प्रकाशक-राजीबहादुर लाला मुखदेवसहायजी ज्वालाप्रसादजी * भावार्थ
SR No.600259
Book TitleAgam 05 Ang 05 Bhagvati Vyakhya Prajnapti Sutra Sthanakvasi
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAmolakrushi Maharaj
PublisherRaja Bahaddurlal Sukhdevsahayji Jwalaprasadji Johari
Publication Year
Total Pages3132
LanguageSanskrit
ClassificationManuscript & agam_bhagwati
File Size50 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy