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भावार्थ
तस्सचेव अपजत्तगस्स उक्कोसिया विसेसाहिया १६, तस्सचेव पजत्तगस्स उक्कोसिया -
ओगाहणा विसेसाहिया १७, एवं सुहुमतेऊकाइयस्स विसे०. .१८, १९, २०, ... • एवं सुहम आउकाइयस्सवि २१, २२, २३, एवं सुहुम पुढवी काइयस्सवि२४, २५, २६, एवं बादर वाउकाइयस्सवि २७, २८, २९, एवं बादर तेऊकाइयस्सवि, ३०, ३१, ३२, एवं बादर आउकाइयस्सवि, ३३, ३४, ३५, एवं बादर
पुढवीकाइयस्सवि, ३६, २७, ३८, सव्वसिं तिविहेणं गमेणं भाणियव्वं ॥ बादर काया के अपर्याप्ता की उत्कृष्ट अवगाहना विशेषाधिक, १७ इस से सूक्ष्म वायुकाया के पर्याप्ताकी उत्कृष्ट अवगाहना विशेषाधिक, १८ ऐसे ही सूक्ष्म तेउकाया के पर्याप्ताकी जघन्य अवगाहना असंख्यात गुनी, १९ सूक्ष्म तेउकाया के अपर्याप्ता की उत्कृष्ट अवगाहना विशेषाधिक और २० सूक्ष्म तेउकाय के पर्याप्ता की उत्कृष्ट ना अवगाहना विशेषाधिक २१ इस से सूक्ष्म अप्काया के पर्याप्ता की जघन्य अवगाहना असंख्यात गुनी १२२ इस से सूक्ष्म अकाया के अपर्याप्ता की उत्कृष्ट अवगाहना विशेषाधिक, २३ इस से सूक्ष्म अप्काया के पर्याप्ता की उत्कृष्ट अवगाहना विशेषाधिक, ऐसे ही २४ इस से सूक्ष्म पृथ्वीकाया के पर्याप्ता की जघन्य अवगाहना असंख्यात गुनी, २५ इस मे सूक्ष्म पृथ्वीकाया के अपर्याप्ता की उत्कृष्ट अवगाहना विशेषाधिक, २६ इस से सूक्ष्म पृथ्वीकाया के पर्याप्तकी उत्कृष्ट अवगाहना विशेषाधिक. ऐसे ही
42 अनुवादक-बालब्रह्मचारी मुनि श्री अमोलक ऋषिजी
प्रकाशक राजाबहादुर लाला सुखदेवसहायजी ज्वालाप्रसादजी * -