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ऋषिजी
भाव पज्जवा तिपदेसिए खंधे आयाय णो आयाओय ५, देसा आदिट्ठा सम्भाव पज्जवा, देसे आदिटे असष्भाव पज्जवे तिपदेसिए खंधे आयाओय णो आयायं ६, देसे आदि? सब्भाव पजवे देसे आदिटे तदुभय पजवे तिपदेसिए खंधे आयाय अवत्तध्वं आयातिय णो आयातिय ७, देसे आदितु सब्भाव पजवे देसा आदिट्ठा तदुभय पजवा तिपदेसिए खंधे आयाय अवत्तव्वाइं आयातिय णो आयातिय ८, देसा आदिट्ठा सब्भाव पजवा, देसे आदितु तदुभय पजवे, तिपदेसिए
खंधे आयाओय अवत्तव्वं आयातिय जो आयातिय । एए तिण्णि भंगा ९ ॥ देसे स्वपर्याय अनेक देश आश्री परपर्याय त्रिप्रदेशिक स्कंध आत्मा नो आत्मा ६ अनेक देश आश्री सद्भाव ।
क देश आश्री पर पर्याय तीन प्रदोशक स्कंध आत्मा नो आत्मा ७ देश आश्री स्वपर्याय और देश आश्री उभयपर्याय त्रिप्रदेशिक स्कंध एक वचन में आत्मा नो आत्मा इति एकवचनमें अवक्तव्य ८ एक देश आश्री स्वपर्याय और अनेकदेश आश्री. उभय पर्याय दोनों से आत्माः अबक्तव्य है ९ अनेकः देश आश्री स्वपर्याय एक देश आश्री उभय पर्याय त्रिप्रदेशिक स्कंध आत्मा अवतव्य १० देश आश्री परपर्याय देश आश्री उभय पर्याय त्रिप्रदेशिक स्कंध नो आत्मा अवक्तव्य ११ देश आश्री परपर्याय अनेक देश ।
42 अनुवादक-बालब्रह्मचारी मुनि श्री अमोलक
प्रकाशक राजाबहादुर लाला मुखदेवसहायजी ज्वालाप्रसादजी *
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भावार्थ
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