________________
१६९१
एगयओ दुपदेसिएखंधे भवति ; अट्टहा कन्जमाणे अट्ट परमाणु पोग्गला भवंति ॥७॥ सत्र
णव भंते ! परमाणु पोग्गला पुच्छा ? गोयमा ! जाव णवहा कज्जइ, दुहा कजमाणे एगयओ परमाणु पोग्गले एगयओ अटुपएसिए खंधे भवइ, एवं एक्ककं संचारिएहिं जाव अहवा एगयओ चउप्पदेसिए खंधे, एगयओ पंचपदेसिए खंधे भवति । तिहा कजमाणे एगयओ दो परमाणु पोग्गला एगयओ सत्तपरसिए खंधे भवइ, अहवा. एगयओ परमाणु पोग्गले एगयओ दुपदेसिए खंधे, एगयओ छप्पदेसिए खंधे भवइ, अहवा एगयओ परमाणुपोग्गले एगयओ तिपदेसिएखंधे एगयओ पंचपदेसिए खंधे भवइ अहवा एगयओ परमाणु पोग्गले एगयओ दो चउप्पदेसिया खंधा भवंति. अहवा
एगयओ दुपदेसिए एगयओ तिपदेसिए एगयओ चउप्पएसिए खंधे भवइ. अहवाभावार्थ टुकडे करते छ परमाणु पुद्गल एक द्विपदेशात्मक स्कंध होता है आठ टुकडे करते आठ परमाणु पुद्गल होते
हैं ॥ ७ ॥ अब नव परमाणु पुद्गल की पृच्छा करते हैं. अहो गौतम ! नव प्रदेशात्मक स्कंध होता है और
दा यावत् नव टुकडे होते हैं दो टुकडे करते एक परमाणु गुगल एक आठ प्रदेशात्मक स्कंध होता है ऐसे एकेक / * बढाना यावत् अथवा एक चार प्रदेशात्मक स्कंध एक पांच प्रदेशात्मक स्कंध होता है. तीन टुकडे करते
। परमाणु पुद्गल एक सात प्रदेशात्मक स्कंध अथवा एक परमाणु पुद्गल एक द्विपदेशात्मक स्कंध एक छ
पंचमांगविवाह पण्णत्ति ( भगवती ) सूत्र १०%80%
बारहवा शतक का चौथा उद्देशा 98.
488