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________________ शब्द 48 पंचमांग विवाह पण्णत्ति ( भगवती ) सत्र 2387 अ० आत्पज ज जयंती स. श्राविका का भ० भत्तिजा उ. उदायन रा० राजा हो० था ३० वर्णन युक्त ॥ २ ॥ त उस को० कौशाम्बी न० नगरी में स० शतानीक र० राजा की भ० भार्या चे०३० ॥ की धू० पुत्री उ० उदायन राजा की मा० माता ज. जयंती सश्रमणोपासिका की भा०भावजई मि० मृगावती द० देवी हो० थी व० वर्णन युक्त जा. यावत् सु० सुरूप म. श्रमणोपासिका जा० यावत् ॐ वि० विचरती थी ॥ ३॥ त• उस को० कौशाम्बी श० नगरी में स. सहस्रानीक राजाकी धू० पुत्री भात्तजए, उदायणे णामं राया होत्था, वण्णओ ॥ २ ॥ तत्थणं कोसंबीए णयरीए सहस्साणीयस्स रण्णो सुण्हा, सयाणीयस्स रण्णा भजा, चेडगस्स रण्णो धूया, उदायणस्स रण्णो माया, जयंतीए समणावासियाए भाउज्जा मियावती णामं देवी होत्था वण्णओ, तंजहा जाव सुरूवा समणोवासिया जाव विहरइ ॥ ३ ॥ तत्थणं कोसं. बीए णयरीए सहस्साणायस्स रण्णो धूया, सयाणीस्स रण्णो भगिणी, उदायणस्सरण्णो नामक राजा था. उस का वर्णन कुणिक की समान जानना ॥ २॥ उस कौशाम्बी नगरी में सहस्रानिक org राजा की पुत्रवधू, शतानिक राजा की भार्या, चेटक राजा की पुत्री, उदायन राजा की माता, जयंती श्रमणोपासिका की भावज मृगावती नामक रानी थी. वह वर्णन योग्य यावत् सुरूपा यावत् श्रमणोपा-ola सिका थी ॥ ३ ॥ वहां पर कौशाम्बी नगरी में सहस्रानिक राजा की पुत्री, शतानिक राजा की भगिनी, 3 बारवा शतकका दूसरा उद्देशा : भावार्थ mommmmmmm
SR No.600259
Book TitleAgam 05 Ang 05 Bhagvati Vyakhya Prajnapti Sutra Sthanakvasi
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAmolakrushi Maharaj
PublisherRaja Bahaddurlal Sukhdevsahayji Jwalaprasadji Johari
Publication Year
Total Pages3132
LanguageSanskrit
ClassificationManuscript & agam_bhagwati
File Size50 MB
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