________________
428 पंचमांग-विवाह प्रज्ञप्ति [ भगवती ] सूत्र A8+
१०. मनुष्य के बीज की स्थिति ...३३० । १०९ आस्तिकाया का अधिकार १०१ एक जीव के पिता पुत्र की संख्या ...३३२
११० जीव के उत्थानादि गुन २मैथुन सेवन में महा हिंसा ...३३४ १.११ आकाश के प्रकार १.३ तुगीया नगरी के श्रावक का वर्णन
११२ आकास्तिकाय की स्पर्शना ... व स्थविरों से धर्म चर्चा, महावीर
३ तृतिय शतक का प्रथमोद्देश ३१४ स्वामी की सम्मती ११०४ दुहका उष्णपानी का प्रश्नोत्तर ...३६१
११३. चमगेन्द्र की ऋद्धि
...३९४
११४ चमरेन्द्र के सामानीक देव की ऋद्धि...३९९ द्वितीय शतक का छट्ठा उद्देशा. ३६४ ११५ चमरेन्द्र के त्रायशिक देव की ऋद्धि. ११०५ ओहारणी भाषा के प्रश्नोत्तर ...३६४ ११६ बरेन्द्र की ऋद्धि
द्वितीय शतक का सातवा उद्देशा३६५ ११७ धरणेन्द्र की ऋद्धि १०६ देवताओं का कथन
...३६५
११८ वाणव्यन्तर ज्योतिषी इन्द्रकी ऋद्धि...४१० द्वितीय शतक का आठवा उद्देशा ३६७
११९ शक्रेन्द्र की ऋद्धि ११०७ असुरेन्द्र की सौधर्मा सभा ...३६७
१२० तिष्यगुप्त अनगार, समानिक देव हुओ.४१३१
१२१ इशान इन्द्र की ऋद्धि, द्वितीय शतक का नववा उद्देशा ३६८
१२२ कुरुदत्त अणगार-सामानिक देव ...४१८ १०८ समय क्षेत्र [ अढाइ द्वीप ] का ...३७४ १२३ सनत्कुमारादि सब इन्द्र की ऋद्धि...४२० * द्वितीय शतक का दशवा उद्देशा ३७५ । १२४ ईशानेन्द्र का पूर्वभव-तामली तापस. ४२५
48848 विषाणुक्रमणिका Fast