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________________ العلم माध ... لم ل ل ७५ आकाश का गुरुत्व लघुत्व ...२१२ । ८८ त्रस स्थावर जीव के श्वासोच्छवास ...२५017 चौवीस दंडक का गुरुत्व लघुत्व ८९ वायुकाय के वायु का ही श्वासोच्छवास. २२ १७७ षड्द्रव्य का गुरुत्व लघुत्व ...२१५ ९० मंडाइ (फ्रासुक भोजी) साधु १७८ लेश्या, दृष्टी, दर्शन, ज्ञान,सज्ञा,जोगादि २१८ खंधकसन्यासी का अधिकार.. ९१ सअन्त अनन्त जीव तथा सिद्ध ... १७९ अच्छे साधु के लक्षण ९२ बाल मरण पंडित मरण ८. एक सयय में दो आयुबन्ध ...२१९ ९३ भिक्षु की प्रतिमा व गुणरत्नतप ...२९८१ ८१ कालावी साधु के सामायिक के द्वितीय शतक का दूसरा उद्देशा ३२१ प्रश्नोत्तर. ...२२२ 4८२ सब अवति को एक सी क्रिया लगे. २३१ ९४ समुद्घात का अधिकार ...३२१ १८३ आधाकर्मी आहार कर्म बन्धक. ...२३२ द्वितीय शतक का तीसरा उद्देशा ३२२ १८४ मासुक आहार कर्म शिविल करता....२३४ | ९६ आठ पृथ्वी का कथन. १८५ अस्थिर पदार्थ का पलटा होता है. २३५ ।। द्वितीय शतक का चौथा उद्देशा ३२४ प्रथम शतक का दशवा उद्देशा २३८ ९७ इन्द्रियों का अधिकार . ८६ अन्यतीर्थिक कहे चलमाण अचलिए. २३८ द्वितीय शतक का पांचवा उद्देशा: १८७ एक जी एक समय में दो क्रिया करे. २४५ ९८ एक समय में दो वेद वेदे. २ द्वितीय शतक का प्रथमोद्देशा २४९ / ९९पानीकी तिर्यचकी, मनुष्य की गर्भस्थिति३३० । 1. अनुवादक बाल ब्रह्मचारी मुनि श्री अमोलक ऋषिजी : *प्रकाशक राजाबहादुर काला सुखदवसहायजी-ज्वालाप्रसादजी २४
SR No.600259
Book TitleAgam 05 Ang 05 Bhagvati Vyakhya Prajnapti Sutra Sthanakvasi
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAmolakrushi Maharaj
PublisherRaja Bahaddurlal Sukhdevsahayji Jwalaprasadji Johari
Publication Year
Total Pages3132
LanguageSanskrit
ClassificationManuscript & agam_bhagwati
File Size50 MB
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