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पंचमांग विवाह मज्ञप्ति (भगवती) सूत्र 400
विवाह प्रज्ञप्ति ( भगवती)मूत्र की विषयानुक्रमणिका. प्रथम शतक का प्रथमोद्देश
१५ अब्रतिजीव देवता होवे
१६ वाणव्यन्तर देवता के सुख १ नवकारयंत्र, नमो बंभीए लिवीए २ प्रश्नों के नाम
प्रथम शतक का द्वितीयोदेश ....५७ ३ सूत्रांरंभ. नगगदि अधिकार .. ४ भगवंत महावीर स्वामी के गुण-नमोत्थुणं... १७जीच स्वतं कृत दुःख को वेदता है ...५७ गौतम स्वामीजी के गुणाणुवाद
१८नरक के जीव सव समाहारी हैं क्या.? ५९ ६ संशयोपतत्तिं प्रश्न पृच्छा।
१९नरक के जीव सब समकर्मी हैं क्या? ...६१ ७चलमाणे चल आदि ९ प्रश्नोत्तर ...
२०नरक के जीव सब समोत्पत्ती है क्या ?...६२१ ८ नरकश्किार. आहार के ६३भांगे वगैरा...१६
२१नरक के जीव सब समलेशी हैं क्या ? ...६३ ९ असुरकुमारादि भुवनपति अधिकार ...२५
२२नरक के जीव सब सम वेदनावाले हैं क्या?.६४ 2. पृथ्वीकायादि स्थावरों का अधिकार. ...३१ ११बेन्द्रियादि शेष दंडक अधिकार
२३नरक के जीव सब सम क्रियावाले है क्या?६५ १२ जीव आत्मारंभी आदि प्रश्नोत्तर
२४नरक के जीव सबसम आयुष्य घाले क्या?.६६ ॐ१३ ज्ञान इस भव का के पर भव का
२५नरक के प्रश्न जैसे चौवीसही दंडक पर प्रश्न.६७ १४ असंबुड संवुड अणगार
| २६ लेश्या आश्रिय प्रश्नोत्तर.
20980-880विषयानुक्रम