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aakir समदश चंद्र प्रवप्ति सूत्र षष्ठ-उपाङ्ग +8+
भागा मुहुत्तरस जाति चंदे रज्जति तं पढमाते पढम भागंजाव पण्णरसेसु पण्णरसम भागं॥ एवं खलु दोसिणा पक्खातो अंधकार पक्खे अंधकार बहु आहितेति वदेजा ॥ ५ ॥ ता केवतियाणं अंधकार पक्खे परित्ता अंधकारे आहितति वदेज्जा ? ता परित्ता असं
खज्जा ॥ इति चोइसमं पाहुडं सम्मत्तं ॥ १४ ॥ * * * कार कहा है. अर्थात् इतने मुहूर्त पर्यंत चंद्र राहु के विमान से आवरण घाला होवे. प्रथम तिार्थ में प्रथम भाग यावत् पनरहबी तिथि में पनरहवा भाग ।। ५ ॥ अहो भगवन् ! अंधकार पक्ष के कितने समय में कहे हैं ? अहो गौतम ! अंधकार पक्ष के असंख्यात समय कहे हैं अर्थात् अंधकार पक्ष के असंख्यात भाग होते हैं. यह चउदवा पाहुडा संपूर्ण हुवा ॥ १४ ॥
+4887 चउदडवा पाहुडा 488488
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