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सूत्र
सप्तदश-चंद्र प्रज्ञप्ति मूत्र षष्ठ-उपाङ्ग 480
छप्पणं णक्खत्ताणं अत्यि गक्खत्ता जणे णवमुत्ते सत्तावीसं सत्तसट्ठिभागे मुहुत्तस्स चंदेणं सहिं जोगं जोएति ॥ १ ॥ अस्थि णक्खत्ता जेणं पण्णरस मुहत्ते चंदेणं साई जोगं जोएति ॥ २ ॥ अत्थि नक्खत्ता जा जोएति ॥ ३ ॥ अत्थिणं खत्ता जेणं पणयालीसं - चंदेणसद्धिं जोगं जोएति ॥ ४ ॥ ता एतेसिणं छप्पणाए णखत्ताणं कयरे णक्खत्ता जेणं णवमुहत्ते सत्तावीसंचं सतमद्विभागे मुहुत्तस्स चंदेण सहिं जोग जोतेति जाव कयरे णक्खत्ता जेणं णक्खत्ता पणयालीसं मुहुत्ता चंदेणसहिं जोगं जोएति ? ता एतसिणं छप्पण्ण णक्खत्ताणं तत्थ जेते णक्खत्ता नव मुहत्ता सत्तावीसंच सत्तसट्ठिभागा मुहुत्तरस
चंदेणं साई जोगं जोएति तेणं दो णक्खत्ता अभिया पण्णत्ता ॥ तत्थ जेते दो अश्लेषा, दो मघा, दो पूर्वाफाल्गुनी, दो उत्तराफाल्गुनी, दो हस्त, दो चित्रा, दो स्वाति, दो विशाखा, दो अनुराधा, दो ज्येष्ठा. दो मूल, दो पूर्वाषाढा, और दो उत्तराषाढा ॥ ॥ इन छप्पन नक्षत्रों में से ऐसे भी नक्षत्रों हैं कि जो नव मुहू व सडसठिये सत्तावीस भाग का चंद्र की साथ योग करते हैं, कितनेक ऐसे भी नक्षत्रों हैं कि जो पन्नाह मुहूर्त चंद्र की साथ योग करते हैं, कितनेक एमे भी नक्षत्रों हैं किजो चंद्रमा साथ तीस मुहूर्त योग करते हैं, और कितनेक ऐसे भी नक्षत्रों हैं।
33 दशवा पाहुडे का बारीमवा अंतर पाहुडा
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