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________________ * तम्बूलं द्रव्यं सर्वोपचारान् समर्पयामि स्वाहा । पान, चोखा, सोपारी, पैसो. (७) ॐ ब्लौं हाँ कुबेर संवौषट् स्वाहा ।(माळा स्फटिकनी)(८) उक्त मंत्र वडे फूल, वासचोखा श्री अने पाणी लई पसलीमांत्रण वार अर्ध्य देवा. (९) बे हाथ जोडी नीचे प्रमाणे प्रार्थना करवी - अष्टोत्तरी व शान्तिस्नात्रादि निधाननवकारूढःउत्तरस्यादिशि(शः प्रभुः । संघस्य शान्तये सोऽस्तु, बलिपूजां प्रतीच्छतु । विधि ॥ इति नैर्ऋतपूजा ७ ॥ ८. अथ ईशानाधिपपूजा । (१) ॐ हाँ हूँ हौं हः ईशान संवौषट् (स्वाहा)। फूल, वासचोखा वडे वधावीए. (२) आलेख एकला चन्दन वडे । (३) ॐ नमः ईशानाय ऐशानीपतये त्रिशूलहस्ताय वृषभवाहनाय सपरिजनाय अमुकगृहे बृहत्स्नात्रमहोत्सवे आगच्छ आगच्छ स्वाहा । आह्वान.(४) अत्र तिष्ठ तिष्ठ स्वाहा । स्थापना. (५) पूजाबलिं गृहाण गृहाण स्वाहा । ॥४५॥ अष्टोत्तरी व शान्तिस्नात्रादि विधि ॥४५॥ For Personal Private Use Only
SR No.600250
Book TitleVividh Pujan Sangraha
Original Sutra AuthorChampaklal C Shah, Viral C Shah
Author
PublisherAnshiben Fatehchandji Surana Parivar
Publication Year2009
Total Pages266
LanguageSanskrit
ClassificationManuscript
File Size21 MB
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