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विविध पूजन संग्रह
श्री रोहिण्यै स्वाहा ॥ ९. ॐ ह्रीं श्री गौर्ये स्वाहा ॥
१०. ॐ ह्रीं श्रीं गान्धार्यै स्वाहा ॥ ह्रीं श्रीं वज्रशृंखलायै स्वाहा ॥ ११. ॐ ह्रीं श्रीं सर्वास्त्रामहाज्वालायै स्वाहा ॥
श्री वज्रांकुश्यै स्वाहा ॥ १२. श्री मानव्यै स्वाहा ॥
श्री अप्रतिचक्रायै स्वाहा ॥ १३. श्री वैरुट्यायै स्वाहा ॥ ॐ ह्रीं श्री पुरुषदत्तायै स्वाहा ॥ १४. ॐ ह्रीं श्रीं अच्छुप्तायै स्वाहा ॥ ॐ ह्रीं श्री काल्यै स्वाहा ॥ १५. ॐ ह्रीं श्रीं मानस्यै स्वाहा ॥
ह्रीं श्री महाकाल्यै स्वाहा ॥ १६. ॐ ह्रीं श्रीं महामानस्यै स्वाहा ॥ प्रार्थना:रोहिण्यादि महादेव्यै, सर्वविघ्नोपशान्तये । श्रीगौतमस्वामी पूजायां, यच्छामि कुसुमांजलिं (कुसुमांजलि से वधाना)
(७) सप्तमवलय . ४५ आगम पूजन:-इस पाँचवे आरे के अंदर भवसमुद्र से तिरने का कोई श्रेष्ठ मार्ग हो तो वह जिनबिम्ब और जिनागम है । परमकृपालु महावीर परमात्माने गुरुगौतमस्वामी आदि
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॥ ११९ ॥
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गौतमस्वामी पूजनविधि
॥११९॥
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