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________________ विविध पूजन संग्रह ।। ११८ ।। 1321 Jain Education International नवनिधि पूजन - पंचम वलय महापद्माय स्वाहा ॥ कालाय स्वाहा ॥ ५. ॐ ६. ॐ ७. ॐ महाकालाय स्वाहा ॥ ८. ॐ माणवकाय स्वाहा ॥ १. ॐ नैसर्पिकाय स्वाहा ॥ २. ॐ पाण्डुकाय स्वाहा ॥ ३. ॐ पिंगलाय स्वाहा ॥ ४. ॐ सर्वरत्नाय स्वाहा ॥ ९. ॐ शंखाय स्वाहा ॥ (मण्डल के अंदर अखरोट एवं यंत्र के उपर कुसुमांजलि द्वारा पूजन करना ॥ ) सोलह विद्यादेवी पूजन:- (६) षष्ठ वलय जिनशासन में प्रत्येक महापूजन एवं अंजनशलाका प्रतिष्ठादि महाविधानों में जिनका पूजन अवश्य किया जाता है । विशेष प्रभावशाली संतिकरं तिजयपहुत्त और बड़ी शांति आदि अनेक स्तोत्रो में जिनका स्मरण किया जाता है ॥ ( मण्डल में १६ पान १६ सुपारी एवं यंत्र पर कुसुमांजलि करना ॥ ) For Personal & Private Use Only श्री गौतमस्वामी पूजनविधि ॥ ११८ ॥ www.jainelibrary.org
SR No.600250
Book TitleVividh Pujan Sangraha
Original Sutra AuthorChampaklal C Shah, Viral C Shah
Author
PublisherAnshiben Fatehchandji Surana Parivar
Publication Year2009
Total Pages266
LanguageSanskrit
ClassificationManuscript
File Size21 MB
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