SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 107
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ विविध पूजन संग्रह ।। १०६ ।। Jain Education International गुरु गौतमस्वामी यंत्र - मण्डल पूजन आह्वानादि विधान (दोनों हाथ से अठान मुद्रा द्वारा पधारने की प्रार्थना ) ॐ आँ क्रोँ ह्रीँ अनंत लब्धि निधान गुरु गौतमस्वामिन् अस्मिन् जंबूद्वीपे भरतक्षेत्रे दक्षिणार्धभरते मध्य खंडे गूर्जरदेशे पालिताणानगरे गुरु गौतमस्वामी मण्डपे परम पूज्य श्री नीति - हर्ष महेन्द्र-मंगलप्रभसूरीश्वराणां पुण्य प्रभाव साम्राज्ये गच्छाधिपति आ. दे. अरिहंत सिद्धसूरीश्वर - शुभ- निश्रायां गोडवाड दिपिका सा. श्री ललितप्रभाश्रीजी सत्प्रेरणायाः अत्र सहस्त्र पत्र कमले आगच्छ आगच्छ स्वाहा संवौषट् ( पधारो पधारो ) ॥ (२) ...अत्र तिष्ठ तिष्ठ ठः ठः स्वाहा । ( बिराजमान हो । ) (३) .... अत्र मम सन्निहिताभव भव वषट् स्वाहा । ( समीप में रहो । ) (४) अत्र पूजान्तं यावत् अत्रेव स्थातव्यम् ( पूरी पूजा तक हमारे पास रहना । ) (५) अत्र परेषामदृश्या भव भव स्वाहा । (दुष्ट देव-देवीओं का प्रवेश न हो । ) (६) अत्र इमां पूजां गृहाण गृहाण स्वाहा ( अर्पण विधान 1 ) For Personal & Private Use Only श्री गौतमस्वामी पूजनविधि ॥ १०६ ॥ www.jainelibrary.org
SR No.600250
Book TitleVividh Pujan Sangraha
Original Sutra AuthorChampaklal C Shah, Viral C Shah
Author
PublisherAnshiben Fatehchandji Surana Parivar
Publication Year2009
Total Pages266
LanguageSanskrit
ClassificationManuscript
File Size21 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy