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________________ दृष्टिवादेपरिकर्मावधिकार AUGUSMASSAGAR णुओगे ?, २ कुलगरगंडिआओ तित्थयरगंडिआओ चक्कवटिगंडिआओ दसारगंडिआओ वलदेवगंडिआओ वासुदेवगंडिआओ गणधरगंडिआओ भद्दबाहुगंडिआओ तवोकम्मगंडिआओ हरिवंसगंडिआओ उस्सप्पिणीगंडिआओ ओसप्पिणीगंडिआओ चित्तंतरगंडिआओ अमरनरतिरिअनिरयगइगमणविविहपरियट्टणेसु एवमाइआओ गंडिआओ आघविजंति पण्णविजंति, से तं गंडिआणुओगे, से तं अणुओगे । से किं तं चूलिआओ ?, चूलिआओ आइल्लाणं चउण्हं पुव्वाणं चूलिआ, सेसाई पुत्वाइं अचूलिआई,से तं चूलिआओ ५।दिट्टिवायस्स णं परित्ता वायणा संखेजा अणुओगदारा संखेजा वेढा संखेज्जा सिलोगा संखेजाओ पडिवत्तीओ संखिजाओ निजुत्तीओ संखेज्जाओ संगहणीओ, से णं अंगट्टयाए बारसमे अंगे एगे सुअक्खंधे चोदस पुवाइं संखेज्जा वत्थूसंखेजा चूलवत्थू संखेजापाहुडा संखेजा पाहुडपाहुडा संखेजाओपा. हुडिआओसंखेजाओ पाहुडपाहुडिआओ संखेजाइं पयसहस्साइं पयग्गेणं संखेजा अक्खरा अणंतागमा अणंता पजवा परित्ता तसा अणंता थावरासासयकडनिबद्धनिकाइआ जिणपन्नत्ता भावा an emanal For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.600244
Book TitleNandisutram
Original Sutra AuthorMalaygiri
Author
PublisherAgamoday Samiti
Publication Year1924
Total Pages514
LanguageSanskrit
ClassificationManuscript & agam_nandisutra
File Size10 MB
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