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________________ विमलवाहणे णं भंते ! राया सुमंगलेणं अणगारेणं सहए जाव भासरासीकए समाणे कहिं गच्छिहिति । कहि. उववजिहिति ?, गोयमा ! विमलवाहणे णं राया सुमंगलेणं अणगारेणं सहये जाव भासरासीकए समाणे अहेसत्तमाए पुढवीए उक्कोसकालहिइयंसि नरयंसि नेरइयत्ताए उववजिहिति, सेणं ततो अणंतरं उच्चद्वित्ता मच्छेसु उववजिहिति, सेणं तत्थ सत्थवज्झे दाहवकंतीए कालमासे कालं किच्चा दोचंपि अहे सत्तमाए पुढवीए उक्कोसकाल द्वितीयंसि नरगंसि नेरइयत्ताए उववजिहिति, से णं तोऽणंतरं उच्चहित्ता दोचंपि मच्छेसु उववजिहिति, तत्थवि णं सत्थवज्झे जाव किच्चा छट्ठीए तमाए पुढवीए उक्कोसकालहिइयंसि नरगंसि नेरइयत्ताए उववजिहिति, से णं तओहिंतो जाव उपट्टित्ता इत्थियासु उववजिहिति, तत्थवि णं सत्थवज्झे दाह जाव दोचंपि छट्ठीए तमाए पुढवीए उक्कोसकालजाव उच्चट्टित्ता दोच्चंपि इत्थियासु उवव०, तत्थवि णं सत्थ-|3|| वज्झे जाव किच्चा पंचमाए धूमप्पभाए पुढवीए उक्कोसकालजाव उच्चहित्ता उरएसु उववजिहिति, तत्थवि णं |सत्थवज्झे जाव किच्चा दोचंपि पंचमाए जाव उच्चट्टित्ता दोचंपि उरएसु उववजिहिति, जाव किच्चा चउत्थीए पंकप्पभाए पुढवीए उक्कोसकालद्वितीयंसि जाव उच्चहिता सीहेसु उववजिहिति तत्थवि णं सत्थवज्झे तहेव जाव किच्चा दोचंपि चउत्थीए पंकजाव उच्चट्टित्ता दोचंपि सीहेसु उवव० जाव किच्चा तच्चाए वालुयप्पभाए उक्कोसकालजाव उच्चट्टित्ता पक्खीसु उवव० तत्थवि णं सत्थवज्झे जाव किच्चा दोचंपि तच्चाए वालुयजाव उच्चद हित्ता दोचंपि पक्खीसु उवव० जाव किच्चा दोच्चाए सकरप्पभाए जाव उच्चट्टित्ता सिरीसवेसु उवव० तत्थवि Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.600226
Book TitleBhagwati sutram Part 03
Original Sutra AuthorAbhaydevsuri
Author
PublisherAgamoday Samiti
Publication Year1921
Total Pages654
LanguageSanskrit
ClassificationManuscript & agam_bhagwati
File Size13 MB
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