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१२ शतके | १० उद्देशः रत्नप्रभाद्यण्याद्याश्रिता भङ्गाः सू४६९
व्याख्या
द आयाउ य नो आया य ६ सिय आया य अवतवं आयाति य नो आयाति य ७ सिय आयाइय अवत्तवाई प्रज्ञप्तिः
आयाओ य नो आयाओ य ८ सिय आयाओ य अवत्तवं आयाति य नो आयाति य९सिय नो आया अभयदेवी- 8य अवत्तवं आयाति य नो आयाति य १० सिय आया य अवत्तवाइं आयाओ य नो आयाओ य ११ या वृत्तिः२ सिय नो आयाओ य अवत्तवं आयाइ य नो आयाइ य १२ सिय आया य नो आया य अवत्तवं आयाइ ॥५९३॥
य नो आयाइ य १३, से केणटेणं भंते ! एवं वुच्चइ तिपएसिए खंधे सिय आया एवं चेव उच्चारेयवं जाव | सिय आया य नो आया य अवत्तवं आयाति य नो आयाति य?, गोयमा ! अप्पणो आइहे आया १ परस्स आइडे नो आया २ तदुभयस्स आइडे अवत्तवं आयाति य नो आयाति य ३ देसे आइहे सब्भावपजवे देसे आदिढे असम्भावपज्जवे तिपएसिए खंधे आयाय नो आया य ४ देसे आदितु सम्भावपज्जवे देसा आइट्ठा असम्भावपजवे तिपएसिए खंधे आया य नो आयाओ य ५ देसा आदिट्ठा सम्भावपज्जवे देसे आदिहे असन्भावपज्जवे तिपएसिए खंधे आयाओ य नोआया य ६ देसे आदितु सम्भावपजवे देसे आदितु तदुभयपज्जवे तिपएसिए खंधे आया य अवत्तवं आयाइ य नो आयाइ य ७ देसे आदितु सम्भावपज्जवे देसा
आदिहा तदुभयपजवा तिपएसिए खंधे आया य अवत्तबाई आयाउ य नो आयाउ य ८ देसा आदिट्ठा |सन्भावपज्जवा देसे आदितु तदुभयपज्जवे तिपएसिए खंधे आयाउ य अवत्तवं आयाति य नो आयाति य ९ एए तिन्नि भंगा, देसे आदितु असम्भावपजवे देसे आदितु तदुभयपज्जवे तिपएसिए खंधे नो आया य
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