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________________ व्याख्या- नव संखेजपएसिया भवंति अहवा दस संखेजपएसिया खंधा भवंति संखेजहा कजमाणे संखेजा परमाणु ४ १२ शतके प्रज्ञप्तिः पोग्गला भवंति । असंखेज्जा भंते ! परमाणुपोग्गला एगयओ साहणंति एगयओ साहणित्ता किं भवति ?, ४ उद्देशः अभयदेवी& गोयमा ! असंखेजपएसिए खंधे भवति, से भिजमाणे दुहाचि जाव दसहावि संखेजहावि असंखेजहावि | अनन्ताणु या वृत्तिः२ कान्तसंयोकजइ, दुहा कजमाणे एगयओ परमाणु० एगयओ असंखेजपएसिए भवति जाव अहवा एगयओ दसपए गविभागभं ५६५॥ सिए एगयओ असंखिजपएसिए भवति अहवा एगयओ संखेजपएसिए खंधे एगयओ असंखेजपएसिए गाःसू४४५ लखंधे भवति अहवा दो असंखेजपएसिया खंधा भवंति, तिहा कजमाणे एगयओदो परमाणु० एगयओ असं| खेजपएसिए भवति अहवा एगयओ परमाणु० एगयओ दुपएसिए एगयओ असंखिजपएसिए भवति जाव अहवा एगयओ परमाणु० एगयओ दसपएसिए एगयओ असंखेजपएसिए भवति अहवा एगे परमाणु० एगे |संखेजपएसिए एगे असंखेजपएसिए भवति अहवा एगे परमाणु० एगयओ दो असंखेजपएसिया खंधा भवंति अहवा एगे दुपएसिए एगयओ दो असंखेजपएसिया भवंति एवं जाव अहवा एगे संखेजपएसिए भवति एगयओ दो असंखिज्जपएसिया खंधा भवंति अहवा तिन्नि असंखेजपएसिया भवंति, चउहा कजमाणे एग ॥५६५॥ |यओ तिन्नि परमाणु० एग. असंखेजपएसिए भवति एवं चउक्कगसंजोगो जाव दसगसंजोगो एए जहेव संखेजपएसियस्स नवरं असंखेजगं एग अहिगं भाणियत्वं जाव अहवा दस असंखेजपएसिया खंधा भवंति, संखेजहा कन्जमाणे एगयओ संखेजा परमाणुपोग्गला एगयओ असंखेजपएसिए खंधे भवति अहवा एगयओ Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.600225
Book TitleBhagwati sutram Part 02
Original Sutra AuthorAbhaydevsuri
Author
PublisherAgamoday Samiti
Publication Year1919
Total Pages664
LanguageSanskrit
ClassificationManuscript & agam_bhagwati
File Size13 MB
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