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व्याख्याप्रज्ञप्तिः अभयदेवीया वृत्तिः२/
॥५६॥
SANSAR
सिए खंधे भवति, से भिजमाणे दुहावि तिहावि कज्जइ, दुहा कजमाणे एगयओ परमाणुपोग्गले एगयओ १२ शतके दुपएसिए खंधे भवइ, तिहा कजमाणे तिण्णि परमाणुपोग्गला भवंति । चत्तारि भंते ! परमाणुपोग्गला एग- | ३ उद्देशः यओ साहन्नंति जाव पुच्छा, गोयमा ! चउपएसिए खंधे भवइ, से भिन्जमाणे दुहावि तिहावि चउहावि पृथ्व्यः कजइ, दुहा कजमाणे एगयओ परमाणुपोग्गले एगयओ तिपएसिए खंधे भवइ, अहवा दो दुपएसिया खंधा
सू४४४ भवति, तिहा कजमाणे एगयओ दो परमाणुपोग्गला एगयओ दुप्पएसिए खंधे भवइ, चउहा कजमाणे
१२ शतके
४ उद्देशः चत्तारि परमाणुपोग्गला भवंति । पंच भंते ! परमाणुपोग्गला पुच्छा, गोयमा! पंचपएसिए खंधे भवइ, से
अनन्ताणु भिजमाणे दुहावि तिहावि चउहावि पंचहावि कज्जइ, दुहा कजमाणे एगयओ परमाणुपोग्गले एग- कान्तसंयोयओ चउपएसिए खंधे भवइ अहंवा एगयओ दुपएसिए खंधे भवति एगयओ तिपएसिए खंधे भवइ, तिहा गविभागों कजमाणे एगयओ दो परमाणुपोग्गला एगयओ तिप्पएसिए खंधे भवति अहवा एगयओ परमाणुपोग्गले एग- गाःसू४२५ यओ दो दुपएसिया खंधा भवंति, चउहा कन्जमाणे एगयओ तिन्नि परमाणुपोग्गला एगयओ दुप्पएसिए खंधे भवति, पंचहा कज़माणे पंच परमाणुपोग्गला भवंति । छन्भंते ! परमाणुपोग्गला पुच्छा, गोयमा !||४ छप्पएसिए खंधे भवइ, से भिजमाणे दुहावि तिहावि जाव छबिहावि कजइ, दुहा कन्जमाणे एगयओ पर-॥५६॥ माणुपोग्गले एगयओ पंचपएसिए खंधे भवइ अहवा एगयओ दुप्पएसिए खंधे एगयओ चउपएसिए खंधे भवइ अहवा दो तिपएसिया खंधा भवइ, तिहा कन्जमाणे एगयओ दो परमाणुपोग्गला एगयओ चउपए
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