SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 14
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ ८ शतके व्याख्या रावि, एवं जाव वणस्सइकाइयाणं चउक्कओ भेदो, बेईदियतेइंदियचउरिदियाणं दुयओ भेदो पज्जत्तगा य प्रज्ञप्ति अपज्जत्तगाय । जइ पंचिंदियओरालियसरीरकायप्पओगपरिणए किं तिरिक्खजोणियपंचिंदियओरालियसरीअभयदेवी या वृत्तिः१ रकायप्पओगपरिणए मणुस्सपंचिंदिय जाव परिणए ?, गोयमा ! तिरिक्खजोणिय जाव परिणए वा मणु स्सपंचिंदिय जाव परिणए वा, जइ तिरिक्खजोणिय जाव परिणए किं जलचरतिरिक्खजोणिय जाव परि॥३३३॥ णए वा थलचरखहचर०, एवं चउक्कओ भेदो जाव खहचराणं । जइ मणुस्सपंचिंदिय जाव परिणए किं संमु |च्छिममणुस्सपंचिंदिय जाव परिणए गन्भवतियमणुस्स जाव परिणए ?, गोयमा ! दोसुवि, जई गम्भवफ|तियमणुस्स जाव परिणए किं पज्जत्तगभवतिय जाव परिणए अपजत्तगन्भवतियमणुस्सपंचिंदियओरालियसरीरकायप्पयोगपरिणए ?, गोयमा ! पजत्तगन्भवतिय जाव परिणए वा अपजत्तगन्भवतिय जाव परिणए १ । जइ ओरालियमीसासरीरकायप्पओगपरिणए किं एगिदियओरालियमीसासरीरकायप्पओगपरिणए बेइंदियजावपरिणए जाव पंचेंदियओरालिय जाव परिणए ?, गोयमा ! एंगिदियओरालिय एवं जहा ओरालियसरीरकायप्पयोगपरिणएणं आलावगो भणिओ तहा ओरालियमीसा सरीरकायप्पओगपरिणएवि आलावगो भाणियबो, नवरं बायरवाउक्काइयगन्भवतियपंचिंदियतिरिक्खलाजोणियगन्भवतियमणुस्साणं, एएसि णं पज्जत्तापजत्तगाणं सेसाणं अपजत्तगाणं २ । जई उधि यसरीरकायप्पयोगपरिणए किं एगिदियवेउवियसरीरकायप्पओगपरिणए जाव पंचिंदियवेउब्वियसरीर जाव 555ॐॐॐॐ | उद्देशः १ मिश्रविश्र| सापरिणामौसू३११३१२एकद्रव्यपरिणामासू३१३ ॥३३॥ Join Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.600225
Book TitleBhagwati sutram Part 02
Original Sutra AuthorAbhaydevsuri
Author
PublisherAgamoday Samiti
Publication Year1919
Total Pages664
LanguageSanskrit
ClassificationManuscript & agam_bhagwati
File Size13 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy