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________________ ++* अत्थेगइया विसमाज्या विसमोववन्नगा ४ से तेणद्वेणं गोयमा !० ॥ असुरकुमाराणं भंते ! सव्वे | समाहारा सव्वे समसरीरा, जहा नेरइया तहा भाणियव्वा, नवरं कम्मवन्नलेस्साओं परिवण्णेयव्वाओ, पुव्वोववन्नगा महाकम्मतरागा अविसुद्धवन्नतरागा अविसुद्धलेसतरागा, पच्छोववन्नगा पसत्था, | सेसं तहेव, एवं जाव धणियकुमाराणं । पुढविकाइयाणं आहारकम्मवन्नलेस्सा जहा नेरइयाणं ॥ पुढविक्काइया णं भंते ! सव्वे समवेयणा ?, हंता समवेयणा, से केणट्टेणं भंते! समवेयणा ?, गोयमा ! पुढविकाइया सव्वे असन्नी असन्निभूया अणिदाए वेयणं वेदेंति से तेणद्वेणं ॥ पुढविक्काइया णं भंते ! सव्वे समकिरिया १, | हंता समकिरिया से केणट्टेणं ?, गोयमा ! पुढविक्काइया सव्वे माई मिच्छादिट्ठी ताणं णिययाओ पंच किरियाओ कजंति, तंजहा- आरंभिया जाव मिच्छादंसणवत्तिया, से तेणट्टेणं समाउया समोववन्नगा, | जहा नेरइया तहा भाणियव्वा, जहा पुढविक्काइया तहा जाव चउरिंदिया । पंचिंदियतिरिक्खजोणिया | जहा नेरइया नाणत्तं किरियासु, पंचिदियतिरिक्खजोणिया णं भंते ! सव्वे समकिरिया ?, गो०, णो ति०, सेकेणद्वेणं, गो० पंचिंदियतिरिक्खजोणिया तिविहा पन्नत्ता, तंजहा सम्मदिट्ठी मिच्छादिट्ठी सम्मामिच्छादिट्ठी, तत्थ णं जे ते सम्मद्दिट्ठी ते दुविहा पन्नत्ता, तंजहा अस्संजया य संजयासंजया य, तत्थ णं जे ते | संजया संजया तेसिणं तिन्नि किरियाओ कज्जंति, तंजहा- आरंभिया परिग्गहिया मायावत्तिया, असंजयाणं चत्तारि, मिच्छादिट्ठीणं पंच, सम्मामिच्छादिट्ठीणं पंच, मणुस्सा जहा नेरइया नाणसं जे महासरीरा ते Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.600224
Book TitleBhagwati sutram Part 01
Original Sutra AuthorAbhaydevsuri
Author
PublisherAgamoday Samiti
Publication Year1918
Total Pages656
LanguageSanskrit
ClassificationManuscript & agam_bhagwati
File Size13 MB
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