SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 552
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ व्याख्या- सा एगा उहुरेणू अट्ठ उड्डरेणूओ सा एगा तसरेणू अट्ट तसरेणूओ सा एगा रहरेणू अट्ठ रहरेणूओ से | ६ शतक प्रज्ञप्तिः एगे देवकुरुउत्तरकुरुगाणं मणूसाणं वालग्गे एवं हरिवासरम्मगहेमवएरन्नवयाणं पुत्वविदेहाणं मणूसाणं | उद्देशः ७ अभयदेवीअट्ठ वालग्गा सा एगा लिक्खा अट्ठ लिक्खाओ सा एगा जूया अट्ठ जूयाओ से एगे जवमज्झे अट्ठ जवम कालस्वरूपं या वृत्तिः१४ ज्झाओ से एगे अंगुले, एएणं अंगुलपमाणेणं छ अंगुलाणि पादो बारस अंगुलाई विहत्थी चउच्चीसं अंगुलाई सू२४७ ॥२७५|| रयणी अडयालीसं अंगुलाई कुच्छी छन्नउति अंगुलाणि से एगे दंडेति वा धणूति वा जूएति वा नालियाति वा अखेति वा मुसलेति वा, एएणं धणुप्पमाणेणं दो धणुसहस्साई गाउयं चत्तारि गाउयाई जोयणं, एएणं जोयणप्पमाणेणं जे पल्ले जोयणं आयामविक्खंभेणं जोयणं उर्दु उच्चत्तेणं तं तिउणं सविसेसं परिरएणं, से णं एगाहियबयाहियतयाहिय उक्कोसं सत्तरत्तप्परूढाणं संमटे संनिचिए भरिए वालग्गकोडीणं ते], से णं वालग्गे नो अग्गी दहेजा नो वाऊ हरेजा नो कुत्थेजा नो परिविद्धंसेज्जा नो पूतित्ताए हवमागच्छेज्जा, ततोणं वाससए २ एगमेगं वालग्गं अवहाय जावतिएणं कालेणं से पल्ले खीणे नीरए निम्मले निट्टिए निल्लेवे अवहडे विसुद्धे भवति, से तं पलिओवमे । गाहा-एएसिं पल्लाणं कोडाकोडी हवेज दसगुणिया । तं सागरोवमस्स उ एक्कस्स भवे परिमाणं ॥१॥ एएणं सागरोवमपमाणेणं चत्तारि सागरोवमकोडाकोडीओ कालो सुसमसुसमा १ तिन्नि सागरोवमकोडाकोडीओ कालो सुसमा २ दोसागरोवमकोडाकोडीओ कालो सुसम IP॥२७५॥ दूसमा ३ एगा सागरोवमकोडाकोडी बायालीसाए वाससहस्सहिं ऊणिया कालो दूसमसुसमा ४ एक्कवीसं Jain Education International For Personal & Private Use Only www.jainelibrary.org
SR No.600224
Book TitleBhagwati sutram Part 01
Original Sutra AuthorAbhaydevsuri
Author
PublisherAgamoday Samiti
Publication Year1918
Total Pages656
LanguageSanskrit
ClassificationManuscript & agam_bhagwati
File Size13 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy