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________________ श्री हर्षपुष्यामृत जैनग्रन्थमाला ग्रन्थाङ्कः ३४१ श्रीमद्देवगुप्तसूरीश्वरप्रणीतं श्रीमद्देवगुप्तान्तिपत्श्रीयशोदेवोपाध्यायरचितबृहद्वृत्तिसमेतं श्रीनवपदप्रकरणं ।। : संशोधकः संपादकश्च : तपोमूर्ति पू. आ. श्री विजयकर्पूरसूरीश्वर - पट्टधर हालारदेशोद्धारक पू. आ. श्री विजयामृतसूरीश्वर पट्टधरः पू. आ. श्री विजयजिनेन्द्रसूरीश्वरः : सहायक : पू. आ. श्री विजय जिनेन्द्रसूरीश्वर सदुपदेशतः श्री माटुंगा किंग्सर्कल श्री श्वे. मू. तपा जैन संघ एन्ड चेरीटीझ श्री शीतलनाथ श्वे. मू. जैन तपा. संघ धनजीवाडी मुलुंड इस्ट प्रकाशिका : श्री हर्षपुष्पामृत जैन ग्रंथमाला, लाखाबावल, शांतिपुरी, सौराष्ट्र Xooxxooxxonxxsexxaoxxxxooxxooxxooxxopbox
SR No.600202
Book TitleNavpad Prakaranam
Original Sutra AuthorJinendrasuri
Author
PublisherHarshpushpamrut Jain Granthmala
Publication Year1998
Total Pages334
LanguageSanskrit
ClassificationManuscript
File Size8 MB
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