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________________ | अर्थ-हवे वली श्रापमति उपर बीजो दृष्टांत कहे जे. जेम कोश ( बठर के०) मूर्ख (जात्रा के०) शिष्य बे, ते वेदादिक शास्त्र तो जएयो बे, परंतु अर्थनी विवेचनाने अणजाणतो . ते को कामने अर्थे बजारमा गयो , एवामां राजानो मदोन्मत्त हाथी बूट्यो बे. ते गजने पोतानी सामो श्रावतो देखे , एटलामां हाथीनो महावत लोकोने कहे डे के नान! ए हाथी मारा हा-14 प्रथमां नथी, माटे तमे पूर थ जा. ते सांजली सर्व लोक नागं, ते वारे वठर बात्र चौटामां है। गयो, तेने पण लोके कयु के तुने हाथी मारशे, माटे हाथी अलगो जतो रहे, तोपण ते तिहां ननो रहीने विचारवा लाग्यो के आ लोक कहे जे के हाथी मनुष्यने मारे बे, ते ( प्राप्त के) |पाम्याने मारे जे किंवा अप्राप्त एटले अणपाम्याने मारे ? जो पाम्याने मारतो होय तो महा-18 वत एनी उपर बेगे ने तेने केम मारतो नथी ? अने जो अणपाम्याने मारतो होय तो सर्व जगतनां लोक एने अणपाम्यां जेवां बे तेने केम मारतो नथी ? एम विचार करे ने एटलामां हाथीए । आवी सुंढथी कालीने तेने चीरी नाख्यो, तेथी मरण पाम्यो. जेम ए बउर गने लोकनां वचन मान्यां नहीं, अने ते आपमते विचार करतो तिहांज उन्नो रह्यो, तेथी मरण पाम्यो, पण तेथी| उगस्यो नहीं, तेम जे आपमति होय ते पण ( निरधार के) निश्चेथी फुःख पामे, माटे जे तत्वगवेषक होय ते गुरुमुखथी जाणी तेने कहेले मार्ग प्रवर्तन करे तो तत्त्व पामे, परंतु श्रापमति होय ते नरक निगोदनां कुःख पामे, माटे श्रापमति न थर्बु ॥ १५॥ आगमने अनुमानथी, वली ध्यानरसे गुणगेद रे ॥करे जे तत्त्वगवेषणा, ते पामे नहीं संदेह रे ॥ ते ॥ संवेग ॥ १३ ॥ अर्थ-(था के० ) समस्त प्रकार- जेमां गम एटले झान बे तेने श्रागम कहीए. ते आगम श्रीजिनेश्वरना कहेला अर्थ अने गणधरोनां गुंथ्यां सूत्र तेना अनुमानथी एटले आगममां नग ALMARCHUCAMERAMANAKAMALGAON Jain Education Intematonal For Personal and Private Use Only www.ainelibrary.org
SR No.600197
Book TitleShripal Rajano Ras
Original Sutra AuthorShravak Bhimsinh Manek
Author
PublisherShravak Bhimsinh Manek
Publication Year1917
Total Pages420
LanguageSanskrit
ClassificationManuscript
File Size11 MB
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