SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 189
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ RSCIENCECACASCARLOCACA5%25EX कवण देशथी आवीया, किदां जावा तुम्ह नाव ॥ सार्थवाद तव विनवे, कर जोमी सदनाव ॥३॥ आव्या कांति नयरथी, कंबुदीव उद्देश॥ कुंअर कदे कोश्क कहो, अचरिज दीठ विशेष ॥४॥ तेद कदे अचरिज सुणो, नयर एक अनिराम ॥ कोश इहांथी चारसें, कुंडलपुर तस नाम ॥५॥ मकरकेतु राजा तिहां, कपूरतिलकाकंत ॥ दोय पुत्र उपर हुइ, सुता तास गुणवंत ॥ ६ ॥ नामे ते गुणसुंदरी, रूपे रंन समान ॥ जगमां __ जस उपम नहीं, चनसठ कलानिधान ॥७॥ अर्थ-के हे सार्थवाह ! तमे कोण देशथी आव्या बो ? अने क्यां जवानो तमारो नाव ने ? एवं कुंवरे पूज्युं ते वारे सार्थवाह पण हाथ जोमी साचा नावे करी विनंति करे ३ ॥३॥ के हे महाराज ! अमे कांति नगरथी श्राव्या बीए, अने कंबुद्धीपे जवानो अमारो ( उद्देश 8 के० ) अनिप्राय डे. ते सांजली श्रीपाल कुंवर तेमने कहे के तमे दूर देशथी श्राव्या बो,131 माटे वचमां कां अचरिज विशेष दीतुं होय तो ते अमोने कहो ॥४॥ ते वारे ते सार्थवाह कहे जे के हे महाराज ! में जे श्रचरिज दी देते हुँ तमोने कहुं हुं, ते सांजलो. जे श्हांथी चारसें एक मनोहर नगर , तेनं कंमलपुर एवं नाम बे॥५॥ तिहां मकरकेतु नामे राजा बे, ते राजा कपूर तिलका नामे राणीनो (कंत के० ) नतर बे, ते राणीने बे पुत्रनी उपर एक महा गुणवंती पुत्री उत्पन्न थ६॥६॥ ते पुत्रीनुं गुणसुंदरी एq नाम , माटे नामे करी तो 8 गुणसुंदरी जे. वली रूपे करी रंजा नामनी जे अप्सरा तेनी समान बे. जेने को उपमा आपीने तेनी बराबरी करीए एवी को वस्तु जगतमा नथी. एवी ते कुंवरी स्त्रीनी जे चोस कला |तेना निधानरूप ले. शहां चोसठ कलानां नामो कहे . १ नृत्य,५ औचित्य, ३ चित्रक, ४ वाद,५] Sain Education international For Personal and Private Use Only
SR No.600197
Book TitleShripal Rajano Ras
Original Sutra AuthorShravak Bhimsinh Manek
Author
PublisherShravak Bhimsinh Manek
Publication Year1917
Total Pages420
LanguageSanskrit
ClassificationManuscript
File Size11 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy