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अपार ॥ सु०॥६॥ चलंतां अमने श्म कह्योजी, श्रीमती रमवा काज ॥ सूमो रूमो गुणनिलोजी पंमित ए शुकराज ॥ सु॥७॥ कोश्क तिहां जातो हुवेजी, तेहने हाथे एह ॥ कनकपंज रे घालिनेजी, मोकलजो गुणगेह ॥ सु० ॥ ७॥ नलु अयुं तुमे आवियाजी, सूमो दीधो तेह ॥ श्रीमतिने आपजोजी, कहेजो कुशलसनेह ।। सु॥ ए॥ते लेश्ने निजपुरगयोजी, श्रीपुजशेग्ने दीध ॥ शेठे सुताने आपियोजी, प्रेम धरी तिहां लीध ॥ सु ॥ १० ॥ कीरे मन कन्यातणुजी, allज्यु कथाविनोद ॥ काव्यकवित प्रहेलिकाजी, नांखे परमप्रमोद ॥ सु॥ ११॥ जीवथकी पण sd वाहलोजी, श्रीमतीने ते कीर॥निशदिन राखे पोता कनेजी,तेहसूं सुखनो शीर॥सुण॥१॥श्रीमति । दीठो अन्यदाजी, दोरो तेहने पाय ॥ ते गेमयो हाथे करीजी ॥ तेहने पुण्यपसाय ॥ सु० ॥१३॥
सुंदररूप सोहामणुंजी, जाणे देवकुमार ॥प्रगट्यो धनदेव तत्कणेजी, हो सहु परिवार ॥ सुण Nalm१५॥ सघला विस्मय पामियाजी, ए श्रयो कवण प्रकार ॥ देखी प्रीतम श्रीमतीजी, पामी
हर्ष अपार ॥ सु ॥ १५ ॥ श्रीपुजशेठे आपियाजी, रहेवा प्रथम आवास ॥ सहु सामग्री नोग-IN नीरे, आपी करे विलास ॥ सु०॥ १६ ॥ केटलाएक दिन तिहां रहीजी, चाल्यो लेश नार ॥ पोतानी आव्यो पुरीजी, धरतो दर्ष अपार ॥ सु॥१७॥ कपटें कीधो तेहनेजी, तिणे नारी प्रतिपति ॥ अवगुण संन्नारथा नहिरे, नत्तमनी ए मति ॥ सु॥१७॥ निजप्रीतम धनदेवनाजी, स्वर्णथा
लमें पाय ॥ धोवे जलसूं श्रीमतीजी, अन्यदिवस चित लाय ॥ सु०॥ १५ ॥ते जल वृक्षा नाखि-sal Neयुंजी, नोयनपर तत्काल ॥ वधवा लागु चिहुं दिशेजी, वारिधि जिम सुविशाल ॥ सु० ॥ ३०॥
धनदेव लाग्यो बीहवाजी, देखी पाणी रास ॥ शक्ति पोतानी श्रीमतीजी, ततखिण शोष्यु तास ॥ salसु ॥ २१ ॥ मंत्रविद्यावादे करीजी,श्रीमती जीती तेह ॥ सेवा सारे बेजणीजी,अमथी अधिकी एह
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