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| सदारा ॥ बारस पिढुलान प्रमुच्चयान वेयढङगुदान ॥८३॥ तंमधि जो याच्यं, तराज तिति विचरान नई ॥ नुम्मग्गनिमग्गाउँ, कडगाव महानइ गया ॥ ८४॥ इद पइनित्तिं गुणव, मंगले लिइ चक्विड समुदे ॥ पणसय धणुदपमाणे, बारेगडजोयणुकोए ॥८॥ सा तिमिस गुदा जीए, चक्की पविसेइ | मद्यखंडतो ॥ नसदं अंकिय सो जी, इ वलइ सा खंडगपवाया ॥ ८६ ॥ कयमाल | नहमालय, सुराज वढ्ढइ निब-इस लिला ॥ जा चक्की ता चिहड़, ताजे जग्घमि य दाराउं ॥ ८७ ॥ बहिखंमंतो बारस, दीदा नव विवडा अद्यपुरी ॥ सा लव णावेयट्ठा, चन्द हियसयं चिगारकला ॥८८॥ चक्किवसनइपवेसे, तिचडुगं माग दो पासो य ॥ तातो वरदामो, इद सबै बिडुत्तरस्यंति ॥८॥ नरदेव ब बर, मयवस प्पिणी उस प्पिणी रूवं ॥ परिनमइ कालचक्कं, ज्वालसारं सया वि |कमा ॥५०॥ सुसमसुसमा य सुसमा, सूसमसमाय समसुसमाय ॥ उसमा य
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