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| कूडा ॥ ६६ ॥ इय पासउच्च बास, हि सब कुमा तेसु दीदर गिरीणं ॥ पुवनइमेरु दिसिद्धं, त सिकूमेसु जिणनवा ॥६७॥ ते सिरिगिदाउ दो सय, गुणप्पमा णा तदेव तिडवारा || नवरं अडवी साहिय, सयगुण दारप्पमाणमिह ॥६८॥ प वीसं कोससयं, समचरस विवडा डुगुणमुच्चा ॥ पासाया कूमेसु, पणसयन सुसेसेसु || ६ || बल दरिसद हरिकूडा, नंदनवणि मालवंति विपने ॥ ई सागुत्तरदादि, दिसासु ससुच्च कणगमया ॥७०॥ वेयट्ठेसु वि नव नव, कूडा पणवीसकोसच्चा ते ॥ सधे तिसय बडुत्तर, एसु वि पुवंति जिकूमा ॥ १२ ॥ | ताणूवरि चेहरा, दहदेवी नवणतुलपरिमाणा ॥ सेसेसु य पासाया, अधेग |कोसं पिहुचते ||२|| गिरिकरिकूडा उच्च, त्तणान समय हमूलुवरि रुंदा ॥ रयण | मया नवारिविय, मझिमा ति त्ति कणगरुवा ॥ ७३ ॥जंबूणयरययमया, जगइसमा जंबुसामली कूमा ॥ तेसुदहदे, वि गिदसमा चारुचेइहरा ॥ ७४ ॥ तेसि स
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