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________________ प्रस्तावना. जैननां पीस्तालीश सूत्रोमां बेद सूत्रो ले. तेमांनां चार वेद सूत्र (निशीथ, व्यवहार, वृहत् कल्प अने दशाश्रुतस्कंध) चतुर्दशपूर्वधर श्रीमानू नावाहुस्वामीनां रचेलां. तेमांना चोथा दशाश्रुतस्कंध नामना मूत्रना बार अध्यायन , अने तेना आठमा अध्यायननुं नाम पर्युषणाकल्प . ते पर्युषणाकल्प श्रीदेवर्किगणि दमाश्रमण महाराजे ज्यारे पुस्तको पर सूत्रो लखवानी शरुआत करी त्यारे जिनचरित्र तथा स्थविरावली जोमीने कल्पसूत्रना नामे जूई पुस्तक पाडीने लखेलु . ए सूत्रनी श्लोकसंख्या बारसो ने पंदर हावाथी । एने साधारणपणे घणी वेला बारसा सूत्र के बारसो पण कहेवामां आवे . | आ सूत्र प्रथम पर्युषणानी रात्रे साधुपर्षदमा एक जण बोली जतो ने बीजा साधु काउस्सग्गमा उन्ना रही श्रवण करता एवो रिवाज हतो, पण आनंदपुर (वमनगर) Jain Educationmamtional For Private & Personal use only Janeiro
SR No.600160
Book TitleKalpasutra Moolpath
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBhimsinh Manek Shravak Mumbai
PublisherBhimsinh Manek Shravak Mumbai
Publication Year1927
Total Pages142
LanguageSanskrit
ClassificationManuscript
File Size7 MB
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