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________________ कल्प० ॥ ५५ ॥ ******* येरेहिंतो द्दजसेदितो नारद्दायसगुत्तेर्दितो व ां उडुवामियगणे नामं गणे निग्गए, तस्स एां इमाउं चत्तारि सादार्ज, तिमि कुलाई एवमादिति से किं तं सादार्ज ? सादाजे एवमादिऊंति, तंजदा - चंपिडिया (१) नद्दितिया (२) काकंदिया ( ३ ) मेहलिजिया ( ४ ) से तं सादार्ज ॥ से किं तं कुलाई ? कुलाई एवमादिति, तंजदा-जद्द - जसियं (१) तद नद्दगुत्तियं (२) तइयं च दोइ जसन (३) । एयाई जमुवाडिय -ग|स्स तिमेव य कुलाई ॥ १ ॥ येरेहिंतो गं कामिड्डी हिंतो कोडालसगुत्तेहिंतो इच वेसवाडियगणे नामं गणे निग्गए, तस्स णं इमार्ज चत्तारि सादा, चत्तारि कुलाई | एवमादिति । से किं तं सादार्ज ? सादार्ज एहमादिति तंजदा - सावचिया (१) र - पालिया (२) अंतरितिया (३) खेमलिशिया (४) से तं सादा ॥ से किं तं कुलाई ? कुलाई एवमादिति, तंजदा - "गणियं (१) मेहिय ( २) कामड्डि (३) च तद होइ 1 Jain Education sel For Private & Personal Use Only. बारसो. ॥ ५५ ॥ www.jainelibrary.org
SR No.600160
Book TitleKalpasutra Moolpath
Original Sutra AuthorN/A
AuthorBhimsinh Manek Shravak Mumbai
PublisherBhimsinh Manek Shravak Mumbai
Publication Year1927
Total Pages142
LanguageSanskrit
ClassificationManuscript
File Size7 MB
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