________________ RRRRRRRRRRRRRRRY श्रीमद्रुद्रपल्लीयश्रीसङ्घतिलकाऽऽचार्यकृता श्रीसम्यक्त्वसप्ततिटीका समाप्ता। इति श्रेष्ठि देवचन्द्र लालभाई-जैनपुस्तकोद्धारे-ग्रन्थाङ्कः 35. Jan Educatan Interational For Private &Personal use Only www.jainelibrary.org