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जा होय तु उवटुंभस्स कारण इकडाहे सत्तंगुलाई जाडाई । कालेजयं
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पणपन्नाएँ परेणं जोणी पमिलायए महिलियाणं । पणहत्तरीऍ परओ होइ अवियओ नरो पायं ॥ ६५ ॥ वाससयाउयमेयं परेण जा होइ पुषकोडीओ। तस्सद्धे अमिलाया सवाउयवीसभाये य ॥६६॥ बीयं सुकं तह सोणियं च ठाणं तु जणणिगभंमि । ओयं तु उवट्ठभस्स कारणं तस्सरूवं तु ॥ ६७॥ अट्ठारसपिट्ठकरंडयस्स संधीउ हुंति देहमि । बारस
पंसुलियकरंडया इहं तह च्छ पंसुलिए ॥ ६८॥ होइ कडाहे सत्तंगुलाई जीहा पलाइ पुण चउरो । अच्छीउ दो पलाई है सिरं तु भणियं चउकवालं ॥ ६९॥ अद्भुट्ठपलं हिययं बत्तीसं दसण अच्छिखंडाई । कालेजयं तु समए पणवीस पलाइ
निद्दिढ ॥ ७० ॥ अंताई दोन्नि इहयं पत्तेयं पंच पंच वामाओ । सविसयं संधीणं मम्माण सयं तु सत्तहियं ॥ ७१॥ सहि
सयं तु सिराणं नाभिप्पभवाण सिरमुवगयाणं । रसहरणिनामधेजाण जाणऽणुग्गहविधाएसु ॥ ७२ ॥ सुइचक्खुघाणजीद हाणणुग्गहो होइ तह विघाओ य । सट्ठसयं अन्नाणवि सिराणऽहोगामिणीण तहा ॥ ७३ ॥ पायतलमुवगयाणं जंघाबल
कारिणऽणुवघाए । उवघाए सिरवियणं कुणंति अंधत्तणं च तहा ॥ ७४ ॥ अवराण गुदपविट्ठाण होइ सर्दु सयं तह सिराणं । जाण बलेण पवत्तइ वाऊ मुत्तं पुरीसं च ॥ ७५॥ अरिसा उ पांडुरोगो वेगनिरोहो य ताण य विघाए। तिरिहै यगमाण सिराणं सट्ठसयं होइ अवराणं ॥७६ ॥ बाहुबलकारिणीओ उवघाए कुच्छिउयरवियणाओ। कुवंति तहऽन्नाओ |
पणवीसं सिंभधरणीओ॥ ७७ ॥ तह पित्तधारिणीओ पणवीसं दस य सुक्कधरणीओ। इय सत्त सिरसयाई नाभिप्पभ-5
वाई पुरिसस्स ॥ ७८ ॥ तीसूणाई इत्थीण वीसहीणाई हुंति संढस्स । नव पहारूण सयाई नव धमणीओ य देहमि ॥७९॥ है तह चेव सबदेहे नवनउई लक्ख रोमकूवाणं । अबुट्ठा कोडीओ समं पुणो केसमंसूहि ॥ ८॥ मुत्तस्स सोणियस्स य
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