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________________ 4 प्रवचन ॥५०६॥ गा ANSAREERS नेसप्पे १ पंडुयए २ पिंगलए ३ सवरयण ४ महपउमे ५ । काले य ६ महाकाले ७ माणवग ८ महानिही संखे ९| ॥ १८॥ नेसप्पंमि निवेसा गामागरनगरपट्टणाणं च । दोणमुहमडंबाणं खंधाराणं गिहाणं च ॥ १९॥ गणियस्स य चन्यादीनि गीयाणं माणुम्माणस्स जं पमाणं च । धन्नस्स य बीयाणं उप्पत्ती पंडुए भणिया ॥२०॥ सवा आहरणविही पुरिसाणं| जा य जा य महिलाणं । आसाण य हत्थीण य पिंगलगनिहिम्मि सा भणिया ॥ २१ ॥ रयणाई सबरयणे चउदस पव- १२०९-३२ राई चक्कवट्टीणं । उप्पजति एगिदियाई पंचिंदियाई च ॥ २२॥ वत्थाण य उप्पत्ती निष्फत्ती चेव सबभत्तीणं । रंगाण य धाऊण य सबा एसा महापउमे ॥ २३ ॥ काले कालन्नाणं भव पुराणं च तिसुवि वंसेसु । सिप्पसयं कम्माणि य तिन्नि पयाए हियकराई ॥ २४ ॥ लोहस्स य उप्पत्ती होइ महाकाल आगराणं च । रुप्पस्स सुवण्णस्स य मणिमोत्तियसिलपवालाणं ॥ २५ ॥ जोहाण य उप्पत्ती आवरणाणं च पहरणाणं च । सबा य जुद्धनीई माणवगे दंडनीई य ॥ २६ ॥ नट्टविही नाडयविही कवस्स चउविहस्स निप्फत्ती । संखे महानिहिम्मि उ तुडियंगाणं च सवेसि ॥ २७ ॥ चक्कट्ठपइट्ठाणा | अदुस्सेहा य नव य विक्खंभे । बारस दीहा मंजूससंठिया जण्हवीऍ मुहे ॥ २८॥ वेरुलियमणिकवाडा कणयमया विविहरयणपडिपुन्ना । ससिसूरचक्कलक्खण अणुसमवयणोववत्तीया ॥ २९॥ पलिओवमट्टिईया निहिसरिनामा य तत्थ खलु देवा । जेसिं ते आवासा अक्केजा आहिवच्चाय ॥ ३०॥ एए ते नव निहिणो पभूयधणरयणसंचयसमिद्धा । जे वसमुवगच्छति सबेसिं चक्कवट्टीणं ॥ ३१ ॥ २१३ द्वारम् ॥ ॥५०६॥ नमिउं नेमि एगाइजीवसंखं भणामि समयाओ। चेयणजुत्ता एगे १ भवत्थसिद्धा दुहा जीवा २ ॥३२॥ तस थावरा JainEducation interna For Private Personal Use Only
SR No.600108
Book TitlePravachan Saroddhar Uttararddh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorNemichandrasuri
PublisherDevchand Lalbhai Pustakoddhar Fund
Publication Year1926
Total Pages628
LanguageSanskrit
ClassificationManuscript
File Size13 MB
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