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________________ सूत्रे प्रवचन | पल्हवि हत्थत्थरणं कोयवओ रूयपूरिओ पडओ। दढगाली धोयपोती सेस पसिद्धा भवे भेया ॥ ६७९ ॥ खरडो १ तहपुस्तकपश्चवोरुडी २ सलोमपडओ ३ तहा हवइ जीणं ४ । सदसं वत्थं ५ पल्हविपमुहाणमिमे उ पज्जाया ॥ ६८०॥८४ द्वारम् ॥1I कादीनि देविंद१राय २ गिहवइ ३ सागरि ४ साहम्मि ५ उग्गहे पंच । अणुजाणाविय साहूण कप्पए सवया वसिउं ॥१८॥ ८०-८६ ॥४८६॥ अणुजाणावेयबो जईहिं दाहिणदिसाहिवो इंदो १। भरहमि भरहराया २ जं सो छक्खंडमहिनाहो ॥ ६८२ ॥ तह गिहवईवि देसस्स नायगो ३ सागरित्ति सेज्जवई ४ । साहम्मिओ य सूरी जंमि पुरे विहियवरिसालो ५॥ ६८३ ॥ तप्पडिबद्धं तं जाव दोणि मासे अओ जईण सया । अणणुनाए पंचहिवि उग्गहे कप्पइ न ठाउं ॥ ६८४ ॥ ८५ द्वारम् ॥ । खुहा १ पिवासा २ सी ३ उण्हं ४, दंसा ५ चेला ६ रइ ७ थिओ । चरिया ९निसीहिया १० सेजा ११, अक्कोस |१२ वह १३ जायणा १४ ॥ ६८५ ॥ अलाभ १५ रोग १६ तणफासा १७, मल १८ सक्कार १९ परीसहा । पन्ना २० अन्नाण २१ सम्मत्तं २२, इइ बावीस परीसहा ॥ ६८६ ॥ दंसणमोहे दसणपरीसहो पन्नऽनाण पढमंमि । चरमेऽलाभ-18 परीसह सत्तेव चरित्तमोहम्मि ॥ ६८७ ॥ अक्कोस अरइ इत्थी निसीहियाऽचेल जायणा चेव । सक्कारपुरकारे एक्कारस वेयणिजमि ॥ ६८८॥ पंचेव आणुपुषी चरिया ६ सेजा ७ तहेव जल्ले य ८। वह ९ रोग १० तणफासा ११ सेसेसुं नत्थि अवयारो॥ ६८९ ॥ बावीसं बायरसंपराय चउद्दस य सुहुमरायम्मि । छउमत्थवीयरागे चउदस एक्कारस जिणंमि दि॥ ६९० ॥ वीसं उक्कोसपए वटृति जहन्नओ य एक्को य । सीओसिणचरियनिसीहिया य जुगवं न वटुंति ॥ ६९१॥ ॥४८६॥ ८६ द्वारम् ॥ SHOCHSAASAASAASAASAS SANSAASAASAASAASAASA Jan Education International For Private Personal use only www.ainelibrary.org
SR No.600108
Book TitlePravachan Saroddhar Uttararddh
Original Sutra AuthorN/A
AuthorNemichandrasuri
PublisherDevchand Lalbhai Pustakoddhar Fund
Publication Year1926
Total Pages628
LanguageSanskrit
ClassificationManuscript
File Size13 MB
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