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वहमारिनिवारियविस्सयणं, सयणव्य विमोइयगुत्तिजणं ॥ १७ ॥ वित्ते वद्धावणए एक्कारसमंमि आगए दियहे ।। पुत्तरस तओ नाम पइट्ठियं नागदत्तोत्ति ॥ १८॥ जं नागदेवयाए दिण्णो हारच्छलेण मे एसो। सुमिणमि ता इमं| चिय नाम जुत्तंति कलिऊणं ॥ १९ ॥ अह वडिउं पवत्तो, कमेणिमो सेयपक्खचंदव्व । देहोवचएण तहा कलाकलावेण पवरेणं ॥२०॥ वच्चइ पिउणा सद्धिं जिणभवणे मुणिवराण य समीवे । जाओ य भावियप्पा निसुणंतो तत्थ जिणवयणं॥ २१ ॥ भणियं च-नवनवसंवेगो खलु नाणावरणक्खओवसमभावी । तत्ताहिगमो य तहा जिणवयणायण्णणस्स गुणा ॥ २२ ॥ पत्तोऽवि जोव्वणं सो तओ य मयरद्धयस्स कुलभवणं । मण्णइ विसं व विसए समज्जओ धम्मकज्जेस ॥ २३ ॥ जा जाउ इंति कुलबालियाओ लायण्णरूवन
इंति कुलबालियाओ लायण्णरूवकलियाओ। नेच्छइ वीवाहेउं ता ताओ निव्वुईरत्तो ॥ २१॥ तो तस्स पिऊहिं वियाणिऊण विसएस निप्पिवासत्तं । दुल्ललियमित्तगोट्री' विरइओ नवर पक्खेवो ॥ २५ ॥ मित्तुवरोहेण तओ. अणिच्छमाणोऽवि निययचित्तेणं । वच्चइ आरामविहार वाविदेउ(ऊ)लमाईसु ॥ २६ ॥ वच्चंतेसु दिणेसु य, अहऽण्णदियहे पभायसमयमि । सहसंबवणुज्जाणं गओ। समं मित्तवग्गेणं ॥ २७ ॥ पुण्णफलभारनमिएहिं सउणजणसेविएहिं तुंगेहिं । सप्पुरिसाण व अणुहरइ जं चY
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