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खित्ते भरहेरवए होंति साहरणवजिआ णिअमा। एत्तो चिअविणेअंजमित्थ कालेऽविणाणत्तं ॥१५२९॥ तुल्ला जहण्णठाणा संजमठाणाण पढमबिइआणं । तत्तो असंखलोए गंतुं परिहारिअढाणा ॥ १५३०॥ ताणवि असंखलोगा अविरुद्धाचेव पढमबीआणं। उवरिंपि तओसंखा संजमठाणा उ दोण्हंपि ॥ १५३१॥ सहाणे पडिवत्ती अण्णेसुवि होज पुवपडिवन्नो । तेसुवि वहतो सो तीअणयं पप्प बुच्चइ उ ॥१५३२॥ ठिअकप्पम्मी णिमा एमेव य होइ दुविहलिंगेऽवि। लेसा झाणा दोषिणवि हवंति जिणकप्पतुल्लाउ॥१५३३॥६|| गणओ तिण्णेव गणा जहाणपडिवत्ति सयसमुकोसा । उक्कोसजहण्णेणं सयसोच्चिअपुवपडिवण्णा ॥१५३४॥ सत्तावीस जहण्णा सहस्स उक्कोसओ अपडिवत्ती।सयसोसहस्ससोवा पडिवण्ण जहाण उकोसा ॥१५३५॥ पडिवजमाण भइया इकोऽवि हु होज ऊणपक्खेवे। पुच्चपडिवन्नयाविहु भइआ एगो पुहुत्तं वा॥१५३६॥दारं॥ एअं खलु णाणसं एत्थं परिहारिआण जिणकप्पा । अहलंदिआण एत्तो णाणत्तमिणं पवक्खामि ॥१५३७॥ लंदंतु होइ कालोसो पुण उक्कोस मज्झिम जहण्णो। उदउल्ल करो जाविह सुक्का ता होइ उ जहण्णो॥१५३८॥ उक्कोस पुचकोडी मज्झे पुण होति गठाणा उ । एत्थ पुण पंचरत्तं उक्कोसं होअहालंदं ॥ १५३९ ॥ जम्हा उ पंचरत्तं चरंति तम्हा उ हुँतऽहालंदी। पंचेच होइ गच्छो तेसिं उक्कोसपरिमाणं ॥१५४०॥ जा चेव य जिणकप्पे मेरा सच्चेव लंदिआणंपि । णाणत्तं पुण सुत्ते भिक्खाचरि मास कप्पे अ॥१५४१॥ पडिबद्धा इअरेऽवि अ एकिका ते जिणा य थेरा य।अत्थस्स उ देसम्मी असमत्ते तेऽवि पडिबंधो॥१५४२॥
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